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राकेश-सोनम की स्मृति में पौधरोपण कर दी श्रद्धांजलि पेड़ बनकर जीवित रहें मेरी संतानों की स्मृतियां : महेंद्र अग्रवाल

लोकेशन रायबरेली रिपोर्टर विपिन राजपूत

राकेश-सोनम की स्मृति में पौधरोपण कर दी श्रद्धांजलि पेड़ बनकर जीवित रहें मेरी संतानों की स्मृतियां : महेंद्र अग्रवाल

राना बेनी माधव बक्श सिंह पार्क में आयोजित हुआ श्रद्धांजलि एवं योग कार्यक्रम

योग साधकों ने दी श्रद्धांजलि, पर्यावरण सुरक्षा का लिया संकल्प

संयोजक प्रदीप पांडे बोले: शोक को संकल्प में बदलने का अनुकरणीय प्रयास

रायबरेली। जीवन की सबसे बड़ी पीड़ा तब होती है जब मां-बाप को अपने बच्चों को खोना पड़े, और उस पीड़ा को समाजसेवी महेंद्र अग्रवाल ने न केवल सहा, बल्कि उसे एक सकारात्मक संदेश में तब्दील कर दिया। बीती 19 जुलाई 2022 को एक दर्दनाक सड़क हादसे में अपने बेटे राकेश अग्रवाल और बहू सोनम अग्रवाल को खो चुके महेंद्र अग्रवाल ने उनकी तीसरी पुण्यतिथि पर शनिवार को राना बेनी माधव बक्श सिंह पार्क में पौधरोपण कर स्मृतियों को जीवंत बना दिया। इस अवसर पर योग साधकों के बीच मातृभूमि सेवा मिशन के पदाधिकारियों की उपस्थिति में बेटे बहू दोनों दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु दो मिनट का मौन रखकर पुष्पांजलि अर्पित की गई। पौधरोपण कार्यक्रम से पहले सई नदी शहीद स्मारक के निकट आयोजित योग शिविर में शामिल लोगों ने पर्यावरण को हरा-भरा बनाए रखने की शपथ ली। कार्यक्रम के केंद्र में केवल एक भावना थी—श्रद्धांजलि को सेवा और स्मृति को हरियाली में बदल देना। जैसे ही महेंद्र अग्रवाल ने अपने बहू और बेटे के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की, उनकी आंखें भर आईं, उन्होंने कांपती आवाज़ में कहा कि पेड़ और पौधे मेरे बेटे और बहू की तरह हैं, उन्हें सींचकर बड़ा करूंगा, ताकि उनकी स्मृति सदा जीवित रहे। श्रद्धांजलि देने के अंत में महेंद्र अग्रवाल ने दो टूक शब्दों में कहा यह विधि का विधान था… मेरे बेटे-बहू की अंतिम यात्रा यही तक थी। अब उनकी संतानें ही मेरा जीवन हैं। मैं उन्हें अच्छी शिक्षा, संस्कार और संस्कृतिपूर्ण वातावरण देने का प्रयास कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह श्रद्धांजलि केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह उन असंख्य माता-पिता के लिए संदेश है, जो अपने बच्चों को खोकर भी समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं। महेंद्र अग्रवाल की यह हरियाली की सेवा, उनकी संतानों की स्मृति को एक जीवंत स्वरूप देने की प्रेरणादायक कहानी बन चुकी है। यही सेवा, यही स्मृति, यही संकल्प—धरती को स्वर्ग बना सकता है। साधकों ने इस भावुक क्षण में उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं। पौधारोपण को श्रद्धांजलि का रूप देकर महेंद्र अग्रवाल ने यह संदेश दिया कि यदि हर व्यक्ति अपने पूर्वजों या दिवंगत परिजनों की स्मृति में पौधरोपण करे, तो यह धरती वास्तव में हरियाली से स्वर्ग बन सकती है। तीन वर्ष पूर्व हुए इस सड़क हादसे की स्मृतियां आज भी रायबरेली वासियों को झकझोर देती हैं। मुंशीगंज के पास हुए इस हृदयविदारक दुर्घटना में राकेश अग्रवाल और सोनम अग्रवाल के अलावा और एक और अग्रवाल परिवार के तीन सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जिसमें राकेश के दो मासूम बच्चों—तनिषी और तिजिल सहित रचित अग्रवाल को एक घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। वह दिन रायबरेली के इतिहास में कभी न भूलने वाला दर्द बन गया। इस दौरान मातृभूमि सेवा मिशन के उत्तर प्रदेश संयोजक प्रदीप पांडे ने कहा कि किसी अपने को खोना बेहद तकलीफदेह होता है, परंतु महेंद्र अग्रवाल जी ने इस पीड़ा को प्रकृति सेवा का संकल्प बना दिया। यह हम सबके लिए प्रेरणा है। पौधारोपण केवल एक कर्म नहीं, बल्कि भावनाओं और भविष्य के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है। उनकी यह पहल समाज को न केवल सोचने बल्कि करने की दिशा भी दिखाती है। श्रद्धांजलि सभा के दौरान सामाजिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरण प्रेम से जुड़े महिलाएं, पुरुष योग साधक उपस्थित रहे। इस अवसर पर योगाचार्य बृजमोहन, प्रशिक्षिका सोनम गुप्ता, मंडलाध्यक्ष भगवतानंद, अधिवक्ता अजय पाल सिंह, रामानुज मिश्र, कल्लू राम अग्रहरि, अजय मिश्रा, देवता दीन, दिनेश पांडेय, माया, गीता, पूनम सिंह, स्नेहा, पूजा मौर्य, अनूप शर्मा, राज अग्रहरि, प्रकाश, सचिन अग्रहरि सहित दर्जनों योग साधकों ने कार्यक्रम में सहभागिता की।

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