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रणदीप सुरजेवाला ने किया पीपली व थानेसर की अनाज मंडी का दौरा

सुरजेवाला ने भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री नायब सैनी पर बोला हमला, बोले – हरियाणा के किसानों पर भाजपा का ‘नायब धोखा! नवरात्रि में भी MSP का झांसा, बाढ़ मुआवजा बाकी, खाद की कालाबाजारी।

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 27 सितंबर : हरियाणा के किसान नवरात्रि के पावन पर्व में भी मंडियों में लुट रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का चुनावी वादा पीआर धान ₹3,100 प्रति क्विंटल पर खरीदने का पूरी तरह खोखला साबित हो गया है। आज खरीफ सीजन के पांचवें दिन भी सरकारी खरीद शुरू होने का नाम नहीं ले रही, और किसान नमी के बहाने ₹2,369 के MSP से भी 500 रुपये कम पर मजबूर हैं। यह ‘नायब झूठ’ नहीं तो क्या है? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज कुरुक्षेत्र जिले की पीपली व थानेसर अनाज मंडियों का दौरा किया। भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री नायब सैनी पर पर तीखा प्रहार करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि नायब सैनी ‘नायब हैं गायब’। किसानों की मेहनत को मंडियों में लूटा जा रहा है, बाढ़ का 50 लाख एकड़ नुकसान मुआवजे के बिना सड़ रहा है, और गेहूं बुआई के लिए DAP खाद की कालाबाजारी चरम पर है। यह भाजपा का ‘किसान विरोधी कुंभकर्ण नींद’ है!”
सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले सैनी ने बड़े-बड़े जुमले उछाले कि धान का एक-एक दाना खरीदेंगे। लेकिन हकीकत में 10 जिलों की मंडियों में 5 लाख मीट्रिक टन धान पड़ा सड़ रहा है। छह जिलों में तो खरीद शुरू ही नहीं हुई, और बाकी जगहों पर MSP पर खरीद न के बराबर। जमीन का खर्च ₹82,000 प्रति एकड़, लेकिन धान से किसान को ₹40,000 भी नहीं मिल रहा। पीआर धान ₹1,900-₹2,100 में, 1501 बासमती ₹2,500-₹2,900 में बिक रही है जबकि बाजार मूल्य ₹3,500-₹4,000 होना चाहिए। किसानों व आढ़तियों के साथ यह सरकारी धोखा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ में 50 लाख एकड़ फसल बर्बाद, ₹7,000 प्रति एकड़ मुआवजा घोषित लेकिन एक रुपया भी नहीं पहुंचा। लाखों एकड़ में पानी भरा है, गेहूं की बुआई पर संकट, लेकिन सैनी हेलीकॉप्टर से उतरने को तैयार नहीं। पीएम मोदी ने तो हरियाणा से मुंह मोड़ लिया, बाढ़ ही नहीं आई’ कहकर केंद्र से एक पैसा नहीं दिया।
सुरजेवाला ने कहा कि बाजरा उत्पादकों की हालत और भी बुरी है। महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, सिरसा में बाजरा ₹2,775 एमएसपी पर खरीदा जाना चाहिए, लेकिन सरकार ने ₹2,150 से नीचे खरीद न करने का आदेश दिया। चरखी दादरी में 70,000 क्विंटल बाजरा मंडी में अटका, लेकिन भाजपा ने ठेंगा दिखा दिया। आखिर किसान कहां जाएं? यह भाजपाई जुल्म है।
उन्होंने कहा कि डीएपी खाद की कमी ने गेहूं बुआई को परेशान कर दिया। सुबह 4 बजे से लाइनें लग रही, लेकिन बेरंग लौटना पड़ रहा। निजी दुकानों पर कालाबाजारी ₹1,950 प्रति बैग ब्लैक में बिक रहा, जबकि सरकारी दर ₹1,350 है। भाजपा सरकार को कोई फिक्र नहीं। किसानों को दिखावा और धोखा मिल रहा।
भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री नायब सैनी से रणदीप सुरजेवाला ने मांग की कि किसान का धान ₹2,369 और बाजरा ₹2,775 प्रति क्विंटल पर बिना बहाने एक-एक दाना खरीदा जाए। निर्यात बाधाओं के चलते 1509, 1121 आदि किस्मों पर ₹3,500 प्रति क्विंटल की वन टाइम खरीद की जाए। अगले 7 दिनों में ₹50,000 प्रति एकड़, नष्ट मकानों-ट्यूबवेलों का पूरा हर्जाना दिया जाए। 5,000 प्रभावित गांवों में प्रत्येक एससी व बीसी परिवारों को ₹50,000 मुआवजा दिया जाए व जलभराव वाले इलाकों में तुरंत पानी निकासी का प्रबंध किया जाए। डीएपी की जरूरत, उपलब्धता और कदमों का सार्वजनिक ब्योरा दिया जाए।

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