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साक्षी दुख से मुक्ति का उपाय है : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक : समर्थगुरू धारा हिमाचल के ज़ोनल कॉर्डिनेटर और श्री दुर्गा देवी मन्दिर के पीठाधीश ज्योतिष व वास्तु आचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा ने भक्तों के साथ शुक्रताल तीर्थ के प्रमुख मंदिरों में भगवान गणेश, भगवान हनुमान और देवी देवताओं के दर्शन करवाए।
समर्थगुरु द्वारा रचित श्रीमद्भगवदगीता का पाठ प्राचीन अक्षय वट के नीचे सुनाया और संकीर्तन किया और ध्यान करवाया। सभी विश्व कल्याण के लिए मंगल प्रार्थना की गई।
संतो और विश्व प्रसिद्ध सदगुरुओं और कथा वक्ताओं और विभिन्न पुराणों के अनुसार लगभग 5000 वर्ष से ज्यादा पूर्व गुरु श्री शुकदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित को
श्रीमद्भागवत कथा सुनाई थी और मोक्ष को प्राप्त हुए थे।
शुक्रताल की यात्रा में भक्तों ने गंगा और संगम का नौका विहार किया। आदरणीय समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया का योगदान सनातन धर्म में बहुत है। आध्यात्मिक भक्ति यात्रा में कुल 11 भक्त शामिल रहें। आचार्य डॉ. मिश्रा,आशा कवातरा, निशा अरोड़ा, रिया, कोमल, बिमला, शिमला, छन्नो,अनु पाहवा, निर्मला और गगन मुखीजा ने समर्थगुरू सिद्धार्थ औलिया केे प्रति अहोभाव प्रकट किया। तीर्थ यात्रा आध्यात्मिक और भक्ति के लिए बहुत जरूरी है। पूर्ण जीवित सदगुरु ही ओंकार दीक्षा प्रदान करते है और भगवान को याद करना सिखलाते है। समर्थगुरु धारा, मुरथल, हरियाणा के मुख्य संस्थापक समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने ट्विटर के माध्यम से बताया किआत्मा का स्वभाव है साक्षी, मन का स्वभाव साक्षी नहीं है। साक्षी हमेशा आत्मा के तल पर जाकर के ही होते हो। साक्षी दुख से मुक्ति का उपाय है।

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