कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों ने डॉo नेने को मनाई पुण्यतिथि

कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों ने डॉo नेने को मनाई पुण्यतिथि

आजमगढ़| कृषि महाविद्यालय कोटवा मे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्वाति प्राप्त भारत के महान कृषि वैज्ञानिक डॉ वाइo एलo नेने की तृतीय पुण्यतिथि पर कृषि महाविद्यालय परिसर कोटवा के सह अधिष्ठाता प्रोoधीरेन्द्र कुमार सिंह सहित सभी वैज्ञानिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कृषि महाविद्यालय कोटवा के सह अधिष्ठाता प्रो धीरेन्द्र कुमार सिंह ने डॉ नेने एवं कृषि के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की। कृषि के क्षेत्र में डॉo नेने का योगदान अभूतपूर्व है। डॉo नेने का जन्म 1936 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। इन्होंने उत्तर प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (अब गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ) से कृषि विज्ञान में स्नातक,राजकीय कृषि महाविद्यालय कानपुर से पादप रोग विज्ञान में परा स्नातक, तथा इलिनोइस यूनिवर्सिटी यूo एसo एo से पी एच डी की उपाधि प्राप्त की। शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात इन्होंने गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर जोकि उस समय उत्तर प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था,सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक तथा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। डॉo नेने भारत के महान पादप रोग वैज्ञानिक के साथ साथ इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फ़ॉर द सेमी एरिड ट्रॉपिक्स के उप महानिदेशक (1989-1996), एसियन एग्री हिस्ट्री फाउंडेशन के अध्यक्ष भी रहे। धान की फसल में लगने वाली खैरा बीमारी पर शोध एवं उसके निस्तारण के लिए डॉ नेने को 1967 में खाध एवं कृषि संगठन द्वारा इंटरनेशनल राइस रिसर्च प्राइज से सम्मानित भी किया गया। 1974 में डॉ नेने ने आईसीआरआईएसएटी में पादप रोग प्रधान वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया । इन्होंने भारत मे वैदिक कृषि करने को भी बढ़ावा दिया । डॉ नेने ने मूंगफली, चना एवं दालों की कई उन्नत प्रजातिया विकसित की तथा उनमें लगने वाली बीमारियों पर भी शोध किया। इन्होंने पादप रोग विज्ञान में कई पुस्तकें भी लिखी जोकि विद्यार्थियों के साथ साथ शिक्षकों के लिए आज भी उपयोगी है। इनकी उपलब्धियों के लिए अमेरिकन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी (1990) ने इन्हें फ़ेलोशिप से पुरस्कृत किया। शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को उनका 57 वर्षो के कृषि शिक्षा के क्षेत्र में व्यवसायिक जीवन प्रेरणा देने वाली है इस कार्यक्रम की जानकारी कृषि महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डा रेनू गेगवार ने दिया

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