वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
धर्म के मार्ग पर चल कर ही होता है पाप का नाश।
कुरुक्षेत्र, 6 फरवरी : जयराम विद्यापीठ के मुख्य मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा का समक्ष विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ विद्वानों एवं श्रद्धालुओं द्वारा षटतिला एकादशी का पूजन किया गया। यह पूजन श्री जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रणबीर भारद्वाज के मार्गदर्शन में पुजारी प. पंकज द्वारा करवाया गया। डा. भारद्वाज ने पूजन के उपरांत षटतिला एकादशी का महत्व बताया कि हमारे संस्कारों तथा हिन्दू। धर्म में इसका विशेष स्थानन है। उन्होंने बताया कि इस एकादशी का व्रत और दान करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इस एकादशी में तिल का विशेष महत्व है। उन्होंने पूजन के उपरांत मन्दिर में मधुर भजनों के साथ संकीर्तन किया। उन्होंने कहा कि धर्म के रास्ते पर चल कर ही आप पाप का नाश किया जा सकता है। मनुष्य को कभी भी धर्म का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए।
एकादशी पूजन एवं पाठ करते हुए वेदपाठी।