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उत्तराखंड: निकाय चुनाव का शोर थमा

उत्तराखंड: निकाय चुनाव का शोर थमा,
सागर मलिक संपादक

सार: भाजपा-कांग्रेस के साथ बागियों ने भी चुनावी अखाड़े में दिखाई ताकत

मंत्री-विधायकों के खिलाफ झलका आक्रोश.भितरघात की आशंका

देहरादून। मंगलवार को उत्तराखण्ड निकाय चुनाव का प्रचार थम गया। शाम 5 बजते ही चुनावी रैलियों और जनसभाओं पर विराम लग गया।

अब 23 जनवरी को लाखों मतदाता चुनावी अखाड़े में जोर आजमाइश कर रहे 5405 प्रत्याशियों की तकदीर का फैसला करेंगे।

11 नगर निगम,43 नगरपालिका व 46 नगर पंचायतों में 30 लाख 29 हजार मतदाता बैलेट पेपर के माध्यम से अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट करेंगे। लगभग 16 हजार से अधिक कर्मचारी व 26 हजार सुरक्षाकर्मी मतदान में मुख्य भूमिका निभाएंगे।

लगभग तीन सप्ताह तक 11 नगर निगम के मेयर पद के 72 व नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए 445 प्रत्याशियों ने मतदाताओं को रिझाने की भरपूर कोशिश की।

निकाय चुनाव में भाजपा,कांग्रेस,उक्रांद,बसपा, आप पार्टी समेत सैकड़ों की संख्या में बागी व निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव को रोचक मोड़ पर खड़ा कर दिया।

सीएम धामी समेत भाजपा के मंत्री, विधायक व संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सरकार की नीतियों को लेकर ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की अपील की। जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस व अन्य दलीय प्रत्याशियों ने भाजपा सरकार के दावों पर प्रहार करते हुए कड़ी चुनौती पेश की।

कई निकायों में निर्दलीय व बागियों ने भाजपा व कांग्रेस को खुली टक्कर देते हुए अपने वजूद का अहसास कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

इस निकाय चुनाव के प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ दल के कई मंत्रियों, विधायकों व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ गुस्सा भी झलका।

2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पांचों लोकसभा सीट जीतकर कांग्रेस को करारी शिकस्त दी थी। बाद में मंगलौर व विधानसभा उपचुनाव जीतकर कांग्रेस ने भाजपा को चुनौती दी। इधर, नवंबर में हुए केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के तमाम आरोपों के बाद विजय श्री हासिल की।

इस जीत के बाद भाजपा के हौसले काफी बुलन्द नजर आए। केदारनाथ उपचुनाव के बाद हो रहे निकाय चुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

विपक्ष ने नगर के विकास से जुड़े कई मसलों पर घेराबंदी कर विकास कार्य ठप होने का आरोप भी चस्पा किया। ऐन मौके पर सीटों के आरक्षण व बदलाव को लेकर भाजपा के अंदर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।

टिकट वितरण से नाराज भाजपा व कांग्रेस के कई नेताओं ने निर्दलीय व बागी होकर पार्टी नेतृत्व का संकट बढ़ाया। दोनों ही दलों ने अपने कई नेता व कार्यकर्ता निष्कासित किये। मेयर व अध्यक्ष पद के अलावा वार्ड पार्षद सीट पर भी बागियों की पूरी फौज अपना भाग्य आजमा रही है।

भाजपा ने केंद्र व राज्य में पार्टी की सरकार के लाभ गिनाते हुए नगर में भी ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने का दांव भी मजबूती से खेला।

चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में थूक जिहाद व फतवे आदि मुद्दों को उठाकर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की।

यही नहीं, चुनाव प्रचार का शोर थमने से 36 घण्टे पहले सीएम धामी की कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता पर मुहर लगाकर मतदाताओं से किये गए वादे को पूरा करने का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की।

इस निकाय चुनाव में कई सीटों पर भितरघात का चक्र भी तेजी से चला । टिकट नहीं मिलने से मायूस कई दावेदार या तो घर बैठ गए। यह नाराजगी भी चुनावी नतीजों के उलटफेर का सबब बनेगी।

चुनाव प्रचार के दौरान देहरादून, ऋषिकेश, श्रीनगर,पिथौरागढ़ व हल्द्वानी नगर निगम व पौड़ी पालिका की राजनीतिक जंग विभिन्न कारणों से मीडिया में छाई रही।

हल्द्वानी में ललित जोशी, ऋषिकेश में बागी मास्टर जी और लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की धर्मदाद के अलावा श्रीनगर में बागी उम्मीदवार आरती बिष्ट भंडारी के पति लखपत भंडारी के तेवर कड़े चुनावी संग्राम की गाथा लिख गए।
निकाय चुनाव में कई बागी व निर्दलीय उलटफेर करने की स्थिति में नजर आ रहे हैं।

भाजपा के कई मंत्रियों और विधायकों के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष करण मेहरा की टीम की सेमीफाइनल में अग्नि परीक्षा होगी। चुनाव में प्रत्याशियों के हर हथकंडे देखने के बाद 23 जनवरी को 13 जिलों के मतदाता अपना फैसला सुनाएंगे। इस फैसले के बाद 25 जनवरी दलों के कितने पानी में होने की तस्वीर भी साफ होगी।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदान एवं मतगणना की तैयारियों की समीक्षा की

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने मंगलवार को नागर स्थानीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2024-25 के लिए मतदान एवं मतगणना की तैयारियों की समीक्षा की।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पोलिंग पार्टियों के प्रस्थान और सुरक्षा दलों की तैनाती आदि के सम्बन्ध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पोस्टल बैलेट के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्वाचन ड्यूटी में लगे कार्मिकों के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों के प्रस्थान स्थलों में भी स्टॉल लगाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कंट्रोल रूम्स को निर्धारित समय पर सक्रिय कर दिया जाए।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्देश दिए कि मतदान केंद्रों में मतदान प्रक्रिया देर तक चलने की दशा में सभी मतदान केंद्रों में लाइट की उचित व्यवस्था की जाए।
उन्होंने समाज कल्याण विभाग को मतदान केंद्रों में दिव्याग मतदाताओं हेतु व्हील चेयर एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाए।

इस अवसर पर सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राहुल कुमार गोयल एवं संयुक्त सचिव कमलेश मेहता सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।

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