देहरादून: शिक्षा विभाग के कारनामे भी अजब गजब है शासन ने शिक्षकों के तबादले कर दिए लेकिन तबादले के बाद किसी स्कूल में पदभार ग्रहण करना है यह शिक्षक पर छोड़ दिया गया है यही वजह है कि 140 से अधिक शिक्षकों के तबादले के बाद अब शिक्षक एक से दूसरे जिले की स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं। जिससे विभाग में अफरा-तफरी मची है प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले शिक्षकों के तबादले में जमकर अंधेर हुआ है। तबादला आदेश में नई तैनाती के कालम में तबादला पाने वाले शिक्षक को तीन से चार विकल्प दिए गए हैं।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी तबादला आदेश में एक शिक्षिका की नई तैनाती स्थल कालम में हरिद्वार और देहरादून नगर क्षेत्र स्कूल लिखा गया है। इस मामले में पूरी तरह शिक्षकों पर छोड़ दिया गया है। कि वह 2 जिलों नगर क्षेत्र के किसी स्कूल में जगह होने पर नई तैनाती पा सकती है। चमोली जिले में एक शिक्षक को नई तैनाती के लिए सात विकल्प दिए गए हैं। उनके नई तैनाती कॉलम में जीआईसी सोड़ा सरोली रायपुर मार्ग ग्रांट डोईवाला देहरादून हरबर्टपुर देहरादून चकराता कालसी वाणी विहार रायपुर और जीआईसी बंजारावाला रायपुर देहरादून विकल्प दिया गया है। शिक्षक इनमें से जगह होने पर मनचाही जगह पर तैनाती पा सकते हैं। थराली चमोली के एक अन्य शिक्षक के नई तैनाती स्थल के कालम में देहरादून जिले के छह स्कूल दिए हैं। शिक्षा विभाग में अफसरों के तबादले में भी जमकर खेल हुआ है ।जिन अधिकारियों को पहाड़ चढ़ाने के आदेश किए गए थे पहाड़ चढ़े बिना ही उनकी सुगम जिलों में तैनाती कर दी गई है। शासन ने 24 दिसंबर को उप शिक्षा अधिकारी मो सावेद आलम का पहले जखोली रुद्रप्रयाग का बदला किया गया 7 जनवरी को इसे निरस्त कर उनका रुड़की हरिद्वार तबादला कर दिया गया इसके अलावा उच्च शिक्षा अधिकारी मेराज अहमद का पहली चंपावत तबादला किया गया फिर उसे निरस्त कर उनका नारसन हरिद्वार तबादला कर दिया गया है। रमेश चंद्र पुरोहित को पहले प्रभारी डीईओ रुद्रप्रयाग बनाया फिर उसे निरस्त कर उन्हें प्रभारी प्राचार्य डाइट भीमताल नैनीताल बनाया गया।इसके अलावा भी कुछ अन्य अधिकारियों के तबादले मैं खेल हुआ है।
वहीं इस मामले में शिक्षा महानिदेशक वंशीधर तिवारी का कहना है कि जिन शिक्षकों के तबादले हुए हैं उनमें अधिकतर बीमार हैं जिला स्तर पर देखा जाए कि जहां पर खाली है। वहां उन्हें तैनाती दी जाएगी तबादले निरस्त मामले में अधिकतर उन अधिकारियों के तबादले निरस्त हुए हैं जिनकी उम्र 55 साल या फिर इससे अधिक है।