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योगस्थः कुरु कर्माणि की सच्चे शब्दों में प्रतिमूर्ति प्रो. पीसी जैन : प्रो. सोमनाथ सचदेवा

योगस्थः कुरु कर्माणि की सच्चे शब्दों में प्रतिमूर्ति प्रो. पीसी जैन : प्रो. सोमनाथ सचदेवा।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

केयू अर्थशास्त्र विभाग द्वारा पीसी जैन स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित।

कुरुक्षेत्र, 07 फरवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित ‘फसल आकलन सर्वेक्षण और फसल सांख्यिकी योजना में सुधार के विशेष संदर्भ के साथ कृषि सांख्यिकी’ विषय पर तीसरे पीसी जैन स्मृति व्याख्यान श्रृंखला के तहत कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि योगस्थः कुरु कर्माणि की सच्चे शब्दों में प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने सदैव योग स्थित होकर राष्ट्र के प्रति अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि आज भारत की सबसे बड़ी ताकत इसकी युवा आबादी है, इसलिए युवा ऊर्जा का सही मार्गदर्शन कर ही विकसित भारत निर्माण की संकल्पना को साकार कर सकते हैं। इससे पहले कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, पूर्व कुलपति प्रो. आरके मित्तल, निदेशक सुधीर कुमार, कुलसचिव डॉ. अजय गर्ग, विभागाध्यक्ष प्रो. दारा सिंह ने कार्यक्रम शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने विद्यार्थियों को तीन ’सी’ – जिज्ञासा, आलोचनात्मक चिंतन और एकाग्रता को ग्रहण करने का आह्वान करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को जानने की उत्सुकता तथा तार्किक चिंतन के साथ विषयों को समझने की सकारात्मक सोच को विकसित करना होगा। तभी वे एकाग्रचित होकर नवाचार एवं उद्यमिता के माध्यम से समाज की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होकर उसका समाधान कर सकते हैं। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि प्रोफेसर पीसी जैन को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए हमें उनके जैसा महान न सही, अच्छा बनने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
इस अवसर पर प्रो. आर.के. मित्तल, पूर्व कुलपति, सीबीएलयू भिवानी, जीजीएसआईपी विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने बतौर मुख्य अतिथि ’पंचकोश’ को संतुलित करने पर अपने विचार साझा किए। वहीं इस व्याख्यान कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुधीर कुमार, भारतीय सांख्यिकी सेवा, निदेशक, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, फरीदाबाद ने कृषि सांख्यिकी पर फसल अनुमान सर्वेक्षण (सीईएस) और फसल सांख्यिकी सुधार (आईसीएस) योजना के संदर्भ में कहा कि कृषि सांख्यिकी योजना एवं फसल सांख्यिकी में सुधार (आईसीएस) के तहत, पर्यवेक्षण और निगरानी के जरिए फसल क्षेत्र के आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार किया जाता है।
डॉ. अजय गर्ग, रजिस्ट्रार, दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल, सोनीपत ने प्रो. पी.सी. जैन के बारे में अपनी यादें साझा की। प्रो. राणा ने भी प्रो. पीसी जैन के बारे में मुख्य बातों का जिक्र किया।
इस मौके पर प्रो. एसके चहल, डीन, सोशल साइंस, प्रो. अनिल मित्तल, निदेशक, केयू एलुमनी एसोसिएशन, प्रो. दारा सिंह, अध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग, प्रो. संजीव बंसल, प्रो. अशोक चौहान, डॉ. अर्चना चौधरी, डॉ. किरण लांबा, डॉ. प्रिया शर्मा, डॉ. निधि बगारिया, और डॉ. इशु सहित शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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