आलू की अच्छी उपज के लिए बीज का उपचार जरूरी है : डा. सी.बी. सिंह।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कृषि वैज्ञानिक ने आलू की बिजाई के चलते बताए उपाय।
कुरुक्षेत्र, 26 अक्तूबर : कुरुक्षेत्र जिला के काफी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किसान आलू की खेती करते हैं। आजकल आलू के बिजाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। ऐसे में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह ने आलू उत्पादक किसानों बताया कि बिजाई के पूर्व बीज उपचार बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि किसानों को चाहिए कि बिजाई से पहले बीज शोधन और भूमि का उपचार अवश्य करें। इससे आलू की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित नहीं होता है। उर्वरक का प्रयोग भी मृदा परीक्षण कराने के बाद विशेषज्ञ की राय के अनुसार ही करें। इससे लागत में भी कमी आएगी और फसल की जरूरत के सभी तथ्य भी उसे मिल जाएंगे। जिससे बेहतर गुणवत्तापरक ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है। डा. सिंह ने कहा कि आलू बीज उपचार एक कृषि पद्धति है जिसका उद्देश्य आलू के बीज कंदों (रोपण के लिए उपयोग किए जाने वाले आलू के पौधे का हिस्सा) को कवकनाशी और जैविक एजेंटों सहित विभिन्न पदार्थों के साथ उपचारित करके रोग प्रतिरोधक क्षमता और समग्र फसल की गुणवत्ता को बढ़ाना है। उनके अनुसार आलू के बीज का उपचार 3 प्रतिशत बोरिक एसिड घोल में उपचार करके लगाने से रोगों, बीमारियों से बचाव होता है। जिससे आलू ( कंद)की पैदावार अच्छी होती है।
जानकारी देते हुए कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह।