जीवन में हमें हर अवस्था में संयम रखना चाहिए : महंत जगन्नाथ पुरी।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
अहोई अष्टमी कथा माता पार्वती के स्वरूप की पूजा है।
कुरुक्षेत्र, 5 नवम्बर : अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने श्रद्धालुओं को अहोई अष्टमी कथा व त्यौहार का महत्व बताते हुए कहा कि अहोई अष्टमी पर माता पार्वती के स्वरूप की पूजा का विधान है। अहोई अष्टमी पूजन से महिला की संतान के जीवन में खुशहाली तथा सुख समृद्धि आती है।
उन्होंने कहा कि मानव जीवन में कोई भी उतार चढ़ाव आए, हमें हर अवस्था में संयम रखना चाहिए। क्योंकि भौतिक जीवन में सभी वस्तुएं क्षणभंगुर हैं। इनमें परिवर्तन स्वाभाविक है। इन वस्तुओं एवं पदार्थों के परिवर्तन की स्थिति से अपनी स्थिरता को खोना नहीं चाहिए। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि यह तभी संभव है जब हम परम पिता परमात्मा को अपना समर्पण करते हैं। उन्होंने कहाकि परमात्मा से जुड़ने के बाद कोई भी स्थिति हमें हिला नहीं सकती है। जीवन में स्थिरता और सहजता आती है। इस मौके पर स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी संतोषानंद, बिल्लू पुजारी, जय भगवान, नाजर सिंह, सुक्खा सिंह, अमरनाथ दास, बबिता, सुमन, वनिता इत्यादि भी मौजूद रहे।
महंत जगन्नाथ पुरी ने श्रद्धालुओं को प्रसाद देते हुए।