धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में समय उपनिषद् की रचना हुई : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में समय उपनिषद् की रचना हुई : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी,दूरभाष – 9416191877
कुरुक्षेत्र, 20 मार्च : समर्थगुरु धाम संस्थान मुरथल हरियाणा के संस्थापक समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया की विशेष कृपा से समर्थगुरु धाम में मुरथल महोत्सव धूमधाम से 17 मार्च से 22 मार्च 2025 तक चल रहा है। मुरथल महोत्सव कार्यक्रम में हिमाचल संघ की सुंदर प्रस्तुति रही। शिव कैलाश के वासी गीत पर मां साधना, मां रोहणी,मां निधि,मां पावनी,मां हितैषी , स्वामी जयदेव, स्वामी दीपक कुंद्रा ने बहुत सुन्दर अभिनय कला की की प्रस्तुति दी। समर्थगुरू सिद्धार्थ औलिया के सान्निध्य में बहुत सुन्दर यात्रा का आयोजन हुआ।
जिसमें लगभग 500 साधकों ने धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की धर्म नगरी में ब्रह्मसरोवर और श्रीमदभगवद्गीता की प्राकट्य भूमि ज्योतिसर का भ्रमण किया। सभी साधकों ने साउंड एंड लाइट शो के माध्यम से गीता के उपदेशों को देखा और आत्मसात किया।
समर्थगुरू सिद्धार्थ औलिया के सान्निध्य में होटल सैफरॉन के हाल में समय उपनिषद् की रचना हुई। सदगुरू और शिष्यों के बीच में ही उपनिषद् घटित होता है। जीवित सद्गुरू की विशेष भूमिका होती है।
सत्संग में विशेष सूत्र का प्राकट्य हुआ।
समय उपनिषद् के अमूल्य सूत्र बताए गए।
साधक यदि अपने जीवन में इनको अपनाए तो
दुखों से मुक्त हो सकता है।
वर्तमान समय में साधक की दैनिकचर्या के विभिन्न आयाम बताए गए। आत्मा और परमात्मा की याद के साथ निष्काम कर्म योग में रहना है। समय उपनिषद् के सूत्रों को अपनाने से साधक सुखी हो सकता है।
केंद्रीय संयोजक आचार्य दर्शन, सचिव मां मीराबाई,वरिष्ठ आचार्य आचार्य चेतन, आचार्य प्रदीप,आचार्य कुलदीप , आचार्य अमरेश झा , आचार्य मस्ताना , आचार्य अनुपम , मां सुमन,स्वामी सुशील , स्वामी दिनेश, स्वामी नितिन,और समर्थगुरू धाम हरियाणा के संयोजक आचार्य सुभाष, डेस्टिनेशन कार्यक्रम के संयोजक आचार्य गगन ,समर्थगुरु धाम पंजाब के संयोजक आचार्य मुनीश और सभी संघ ने सुंदर कार्यक्रम आयोजित किया।
हिमाचल के जोनल कोऑर्डिनेटर आचार्य डॉ. मिश्रा ने सभी का आभार प्रकट किया और बताया कि
समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया द्वारा रचित ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ सहजयोग के मार्ग को उजागर करती है जो साधना के लिए सर्वोत्तम मार्ग है। यह सभी साधकों के लिये पठनीय और संग्रहणीय है। जिसको समर्थगुरु धाम के गैलेरिया, मुरथल से साधक गण प्राप्त कर सकते है और अपने जीवन को सुंदर बना सकते है।