दिव्या ज्योति जागृती संस्थान फिरोजपुर द्वारा साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम का किया गया आयोजन

दिव्या ज्योति जागृती संस्थान फिरोजपुर द्वारा साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम का किया गया आयोजन
(पंजाब) फिरोजपुर 19 मई {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान फिरोजपुर के स्थानीय आश्रम में साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सत्संग कार्यक्रम के दौरान सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या साध्वी जसप्रीत भारती जी ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि, “हर मनुष्य संसार में अपनी पहचान बनाने में लगा हुआ है।” हर इंसान चाहता है कि दुनिया में उसकी एक अलग पहचान हो, लोग उसे उसके नाम और पद से पहचानें। साध्वी जी ने कहा कि व्यक्ति समाज में अच्छी पहचान व प्रतिष्ठा प्राप्त करता है, लेकिन यह पहचान व प्रतिष्ठा इस शरीर से जुड़ी होती है। जब तक यह मानसिक शरीर है, तब तक यह स्थिति और पहचान बनी रहेगी। जब हम इस संसार को छोड़ देते हैं और यह शरीर धूल में मिल जाता है, तो हमारी स्थिति और पहचान भी समाप्त हो जाती है।
साध्वी जी ने आगे बताया कि इस शरीर के बिना भी हमारी एक पहचान है। इस शरीर के अलावा हमने कभी यह नहीं सोचा कि मैं कौन हूं? मैं कहां से आया हूं? और कहाँ जाना है? इस शरीर के भीतर जो शक्ति काम कर रही है, वह शरीर के गर्भाधान से पहले भी थी और उसके बाद भी रहेगी। तो फिर हम उस शक्ति को क्यों नहीं पहचानते जो सदैव अमर रहेगी? जिसकी इस शरीर से अलग एक पहचान है। वह शक्ति क्या है? मेरे अन्दर क्या बोल रहा है, क्या काम कर रहा है, मेरे शरीर को क्या चला रहा है? यदि हम उस शक्ति को समझ लें तो हमारा जीवन सफल हो सकता है। बार-बार हमारे महान संतों ने हमें समझाया है कि उस शक्ति को जाने बिना हमारा जीवन व्यर्थ है, इसलिए हमें उस शक्ति को जानना होगा, तभी हमारा जीवन सफल हो सकता है।
साध्वी करमाली भारती जी ने कहा कि हमारे शरीर को चलाने वाली शक्ति को जानने के लिए हमें पूर्ण संत की शरण में जाना होगा, जो आदि काल से चली आ रही दिव्य ब्रह्म ज्ञान की वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से हमें हमारे भीतर गूंज रही शक्ति से जोड़ देंगे। हमारे भीतर, हमारी सांसों में बहने वाली शक्ति पर ध्यान केंद्रित करके ही हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। अंत में साध्वी रमन भारती जी ने सुंदर भजन गाए।