जीवन में उन्नति हेतु करें अहंकार का त्याग : ब्रिगेडियर शर्मा

गुरुकुल में शिक्षक दिवस पर छात्रों ने मंच से सांझा किये अपने अनुभव, निदेशक महोदय ने सभी शिक्षक एवं सह शिक्षकों को उत्कृष्ट सेवाओं हेतु किया सम्मानित।
कुरुक्षेत्र, 5 सितम्बर : शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में गुरुकुल कुरुक्षेत्र के जिम्नेजियम हॉल में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न कक्षाओं के छात्रों ने अपने प्रिय शिक्षकों के साथ ‘विशेष संस्मरण’ सांझा किये। एक-एक छात्र ने गुरुकुल में प्रवेश के बाद की उस घटना के विषय में बताया जब उनके अध्यापक ने उन्हें संबल दिया, हौसला बढ़ाया और जीवन में हमेशा मजबूती से आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा ने छात्रों एक लघु कथा के माध्यम से अपने गुरुओं के प्रति हमेशा आदर का भाव रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिभा, अपनी विद्या पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए और जिन्होंने आपका हाथ थामकर चलना सिखाया है, उसने कभी तुलना या मुकाबला न करें, हमेशा अपने गुरुओं का सम्मान करें। ब्रिगेडियर शर्मा ने कहा कि अहंकार व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है, जीवन में उन्नति करनी है तो सबसे पहले अहंकार का त्याग करें।
उन्होंने शिक्षक दिवस के प्रणेता पूर्व राष्ट्रपति एवं महान् शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धासुमन अर्पित किये। साथ ही गुरुकुल में छात्रां के जीवन निर्माण में निरन्तर सेवाभाव से लगे अध्यापकों एवं सह अध्यापकों को मंच पर आमंत्रित कर सम्मानित किया। अंत में प्राचार्य सूबे प्रताप जी सहित वरिष्ठ अध्यापक प्रेमपाल शर्मा, नरेन्द्र सिंगला, श्रवण कुमार, रमेश चंद ने ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार को भी स्मृति- चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।