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सूचना का अधिकार अधिनियम पारदर्शिता व जवाबदेही का सशक्त माध्यम, राज्यपाल

उत्तराखंड देहरादून
सूचना का अधिकार अधिनियम पारदर्शिता व जवाबदेही का सशक्त माध्यम, राज्यपाल,
सागर मलिक

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से बुधवार को राजभवन में मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर सूचना आयुक्त योगेश भट्ट, दलीप सिंह कुंवर, देवेंद्र कुमार एवं कुशला नंद भी उपस्थित रहे।

मुख्य सूचना आयुक्त ने राज्यपाल को आयोग की गतिविधियों, उपलब्धियों और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में चल रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोग की स्थापना को 20 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। इस अवधि में प्रदेशभर के लोक सूचना अधिकारियों को 13,46,817 आवेदन प्राप्त हुए। प्रथम अपीलीय अधिकारियों के पास 1,35,430 आवेदन पहुंचे, जबकि आयोग स्तर पर 59,750 आवेदन दर्ज हुए, जिनमें से 58,719 का निस्तारण किया जा चुका है। वर्तमान में केवल 1,031 प्रकरण लंबित हैं।

रतूड़ी ने बताया कि आयोग ने द्वितीय अपील और शिकायतों के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई है। आवेदकों को लिखित बयान, अनुपालन रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने की व्यवस्था भी दी गई है। साथ ही, अपीलों और शिकायतों की ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा भी लागू की गई है। उन्होंने बताया कि द्वितीय अपील में देहरादून से सर्वाधिक 32 प्रतिशत और हरिद्वार से 25 प्रतिशत आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि चम्पावत, उत्तरकाशी,

रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों से 1 प्रतिशत से भी कम आवेदन मिल रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम जनता और प्रशासन के बीच विश्वास, पारदर्शिता एवं जवाबदेही का सशक्त माध्यम है। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिनियम का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, विशेषकर उन जिलों में जहां अपीलें और शिकायतें बहुत कम आ रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि जिन क्षेत्रों में जागरूकता का स्तर कम है, वहाँविशेष अभियान चलाए जाएँ ताकि अधिक से अधिक लोग समय पर सही सूचना प्राप्त कर सकें।

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