भारत वह देव भूमि है, जहाँ देवी देवताओं का राज था : सरोज बहन

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में प्रातः मुरली : सरोज बहन
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 05 अक्टूबर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, कुरुक्षेत्र सेवा केन्द्र की इन्चार्ज ब्रह्माकुमारी सरोज बहन ने प्रातः मुरली कलास में बताया कि पवित्र आत्मायें तो बहुत बनते हैं, महान आत्मायें भी बहुत बनते हैं और लेकिन आपकी पवित्रता देव आत्माओं के रूप में आत्मा भी पवित्र बनती है और आत्मा के साथ शरीर भी पवित्र बनता है। इतनी श्रेष्ठ पवित्रता कैसे बनी ? बनाने वाला कौन ? अगर कोई आपसे कहे, परमात्मा कहाँ रहते हैं। आप फलक से कहेंगे परमधाम में, परन्तु अभी इस संगम युग में परमात्मा हमारे साथ है। बहन जी ने बताया कि यह ईश्वरीय विश्व विद्यालय सही अर्थ में विश्व के सभी वर्गो के लिए हैं, यहाँ जाति, भाषा, धर्म आदि का भेद भाव नहीं किया जाता। यहाँ सभी से’ आत्मिक नाते से भाई-भाई मानकर भातृत्व की शिक्षा दी जाती है। शिक्षक भी कैसा है। इसे हम ईश्वरीय विश्वविद्यालय इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें विश्व पिता परमात्मा निराकार शिव शिक्षक के रूप में पढ़ाते हैं और यह सारे विश्व के मानव आत्माओं के लिये है। यहाँ पर विश्व के आदि – मध्य- अंत का ज्ञान मिलता है और इसके विश्व भर में ऐसा परिवर्तन होता है कि कलियुग बदल कर सतयुग आ जाता है। विश्व में फिर से पवित्रता, शान्ति तथा सुख की स्थापना हो जाती है। भारत वह देव भूमि है, जहाँ देवी-देवताओं का राज था। भारत अब स्वर्णिम भारत बनने वाला है। संस्थान का मुख्य उद्देश्य है- स्वपरिवर्तन से विश्व परिवर्तन। प्रजापिता ब्र॰कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय नारी शक्ति द्वारा संचालित विश्व का एकमात्र और सबसे बड़ा संगठन है। 50 हजार से अधिक उच्च शिक्षित ब्रह्माकुमारी बहने इस ईश्वरीय सेवा में समर्पित हैं। विश्व के 140 देशों में 6500 से अधिक सेवाकेन्द्रों पर प्रतिदिन ईश्वरीय महावाक्य सुनाये जाते हैं। 25 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं जो सेवाकेन्द्रों से लेकर पाठशालाओं में नियमित राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास और आध्यात्मिक ज्ञान का पठन-पाठन करते हैं। संस्थान का मुख्य उद्देश्य है नैतिक मूल्यों की पुनः स्थापना।
बी के सरोज बहन, विश्व शांति धाम, कुरुक्षेत्र।