पंचकूला में जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर नाटक बिरसा मुंडा की हुई दमदार प्रस्तुति, कलाकारों ने दिखाई प्रतिभा

आजीविका सरस मेला में नाटक बिरसा मुण्डा से कलाकारों ने दिखाई आदिवासी जननायक बिरसा की गौरव गाथा।
कुरुक्षेत्र, संजीव कुमारी 16 नवम्बर : देश के आदिवासियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, धरोहर और उनके द्वारा राष्ट्र के निर्माण में दिए गए योगदान को याद करने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान बिरसा को याद करने के लिए पंचकूला के सेक्टर 5 में चल रहे आजीविका सरस मेला में भगवान बिरसा की जयंती के अवसर पर नाटक भगवान बिरसा मुण्डा का मंचन किया गया। कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा के सौजन्य से विकास शर्मा के निर्देशन में कुरुक्षेत्र के न्यू उत्थान थियेटर ग्रुप के कलाकारों द्वारा झारखण्ड के मुण्डा समुदाय में भगवान की तरह पूजे जाने वाले बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाटक में कलाकारों ने बिरसा मुंडा की जीवन यात्रा को अपने अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया। नाटक में दिखाया गया कि जन्म के बाद बिरसा अपने मामा के गांव चले जाते हैं, जहां बिरसा ईसाई धर्म प्रचारकों के संपर्क में आ जाते हैं। लेकिन ईसाई धर्म प्रचारकों द्वारा मुण्डा समुदाय को जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के कारण बिरसा नाराज हो जाते हैं और ईसाई धर्म त्याग देते हैं। इस बीच बिरसा के परिवार की स्थिति खराब होनी शुरु हो जाती है, जिसके कारण बिरसा मुण्डा अपने माता-पिता से दूर कंदेर गांव जाकर नौकरी कर लेता है। इसी दौरान बिरसा की भेंट आनंद पण्डा से होती है, जो हिंदू धर्म के बारे में जानकारी देते हैं। बिरसा अपने गांव वापिस आकर मुण्डा समुदाय को हिंदू संस्कृति के प्रति जागरूक करता है और ईसाइयों तथा अंग्रेजो के खिलाफ उलगुलान क्रांति का बिगुल बजा देता है। इससे ब्रिटिश कम्पनी घबरा जाती है और बिरसा मुण्डा सहित उसके साथियों को जेल में डाल देती है। कुछ समय बाद बिरसा और उसके साथियों को रिहा कर दिया जाता है। बिरसा डोम्बारी पर्वत पर डेरा डालकर अंग्रेजो के खिलाफ उलगुलान जारी रखता है। तब मुण्डा समुदाय से ही मुखबरी किए जाने के कारण अंग्रेजो द्वारा बिरसा को दोबारा पकड़ लिया जाता है और रांची जेल में डाल दिया जाता है। जहां बिरसा की मौत हो जाती है। नाटक में बिरसा का किरदार राजीव कुमार द्वारा निभाया गया। वहीं अन्य किरदारों में गौरव दीपक जांगड़ा, निकेता शर्मा, मनू महक माल्यान, पार्थ शर्मा, कंचन यादव, साहिल खान, रित्विक अरोड़ा, हितेश, सुमित, रोहित, सुग्रीव मैहरा तथा उज्जवल आदि शामिल रहे।




