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दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से 24 नवंबर से 30 नवंबर तक फिरोजपुर छावनी के शीतला माता मंदिर में सात दिवसीय श्री राम कथा का किया जा रहा आयोजन

(पंजाब) फिरोजपुर 25 नवंबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=

        दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से 24 नवंबर से 30 नवंबर तक फिरोजपुर कैंट के शीतला माता मंदिर में सात दिन की पवित्र श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है।

      पहले दिन की कथा खास तौर पर माता सती के जन्मोत्सव को समर्पित थी। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या, प्रज्ञा चक्षु साध्वी शची भारती जी ने दिव्य ग्रंथों और शास्त्रों के आधार पर माता सती के अवतार, उनकी शक्ति, परम भक्ति और भगवान से उनके अटूट मिलन के बारे में विस्तार से बताया।

     साध्वी जी ने कहा कि माता सती की कहानी सिर्फ एक धार्मिक कहानी नहीं है, बल्कि हर युग के लोगों के लिए आत्म-उन्नति और आध्यात्मिक जागृति की प्रेरणा है। उन्होंने समझाया कि जैसे माता सती के मन में पवित्रता, निस्वार्थ भक्ति और पूर्ण समर्पण था, वैसे ही एक साधक अपने अंदर की चेतना को जगा सकता है, अगर वह सच्चे गुरु की शरण ले ले। कथा के दौरान साध्वी जी ने संगत को समझाया कि राम कथा सिर्फ़ श्री राम के जीवन का वर्णन नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है जो धर्म, कर्तव्य, प्रेम, निष्ठा और सत्य के सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि श्री राम मानवता के आदर्श हैं और राम कथा सुनने से मन में शांति, प्रेरणा और चेतना की ज्योति जागती है।

        कथा की शुरुआत भगवान की पवित्र ज्योति, मंगलाचरण के प्रज्वलन से हुई। साध्वी चित्रा भारती, साध्वी शीतल भारती जी, साध्वी भगवती भारती और साध्वी साध्या भारती जी ने अपने भजन-कीर्तन से पूरे पंडाल को भगवान राम के रंग में रंग दिया। भक्ति संगीत ने पूरे मंदिर परिसर को दिव्य ऊर्जा से भर दिया। बड़ी संख्या में भक्तों ने बड़े भाव से भाग लिया और आध्यात्मिक आनंद का आनंद लिया।

  स्वामी चंद्रशेखर ने बताया कि कथा हर दिन शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक होगी, जिसमें भक्त राम कथा के गहरे आध्यात्मिक संदेशों, भजनों और दिव्य शिक्षाओं का आनंद ले सकेंगे। पूरी जनता से इस पवित्र आध्यात्मिक समारोह में शामिल होने की अपील की गई है। स्वामी जी ने कहा कि अगर हम धार्मिक ग्रंथों के आधार पर अपने अंदर से भगवान राम को पाना चाहते हैं, तो हमें इस कथा में ज़रूर शामिल होना चाहिए। कथा का अंत भगवान की पवित्र आरती के साथ हुआ जिसमें दविंदर बजाज, समीर मित्तल, कमल शर्मा, दलविंदर सिंह, पार्षद परविंदर सिंह हांडा , अतुल अरोड़ा, पार्षद परविंदर कपाही , पार्षद ऋषि शर्मा , राजेश सचदेवा, हरीश गोयल, पंडित संजीव पांडे, पंडित राजिंदर मिश्रा जी ने हिस्सा लिया। 

    आखिर में पूरी संगत के लिए प्रसाद के रूप में भोजन का भी इंतज़ाम किया गया।

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