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सनातन धर्म में ओंकार मुख्य है : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

कुरुक्षेत्र वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक : सांवला गांव, कुरुक्षेत्र में महंत गोला गिरी जी महाराज की संत मंडली सनातन धर्म को जागृत करने के लिए हवन यज्ञ और भंडारा कर रही है जो कि 22 दिसम्बर से 28 दिसम्बर 2025 तक चलेगा।
प्रतिदिन ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रों से भगवान की पूजा, यज्ञ हवन और आरती की जाती है । प्रतिदिन भंडारे का प्रसाद सभी साधुओं और भक्तों को दिया जाता है।
समर्थगुरु धाम हिमाचल के जोनल कॉर्डिनेटर और श्री दुर्गा देवी मंदिर पिपली (कुरुक्षेत्र) के पीठाधीश ज्योतिष व वास्तु आचार्य डॉ.सुरेश मिश्रा ने आयोजक मंहत गोला गिरी महाराज जी और संतो की मंडली को आदरणीय समर्थगुरू सिद्धार्थ औलिया जी द्वारा रचित श्रीमद्भगवदगीता और श्री सिद्धार्थ रामायण भेंट की और सम्मानित किया गया। समर्थगुरू धाम मुरथल के आयोजित संगम मिशन और ध्यानाचार्य कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। समर्थगुरू धाम मुरथल में सभी साधुओं और भक्तों को सिद्धार्थ ध्यान योग में आने के लिए निमंत्रण दिया।
समर्थगुरु धाम मुरथल,हरियाणा के मुख्य संस्थापक समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया जी बताते है कि समर्थगुरु उसे कहते है जिसको आत्मा और परमात्मा का निजी अनुभव हो और अपने शिष्य को भी अनुभव कराने की समर्थ रखता हो और ओंकार से जोड़ता है।
‘गुरु बिनु मारग कौन दिखावै।’ अर्थात् गुरु के बिना आध्यात्मिक पथ कौन दिखा सकता है।
यीशु मसीह कहते है कि भगवान प्रेम है और परम गुरु ओशो कहते है प्रेम ही भगवान है । यदि आध्यात्मिक पथ पर आपका सभी के प्रति प्रेम बढ़ रहा है तो आपकी साधना अच्छी हो रही है। क्रिसमिस के पावन अवसर पर समर्थगुरू ने संसार के सभी साधकों को प्रेम और आशीष प्रदान किए।

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