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कला मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का प्रतिबिम्ब : डॉ. वीरेन्द्र पाल

कला मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का प्रतिबिम्ब : डॉ. वीरेन्द्र पाल।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

केयू ललित कला विभाग में तीन दिवसीय सामूहिक कला प्रदर्शनी ‘अंतद्वंद्व’ का हुआ शुभारम्भ।

कुरुक्षेत्र, 03 फरवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग में सोमवार को तीन दिवसीय सामूहिक कला प्रदर्शनी ’अंर्तद्वंद्व’ का उद्घाटन करते हुए बतौर मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेंद्र पाल ने कहा कि कला मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का प्रतिबिम्ब है। कलाकार अपनी कला के माध्यम से समाज के विभिन्न रंगों को अपनी कला के द्वारा प्रदर्शित करता है। उन्होंने ललित कला विभाग के विद्यार्थियों नीरज सिंह रावत, अधिश्री ध्यानी और उदय शाह की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए उनकी कलाकृतियों की प्रशंसा की। प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपने मन के विचारों को रंग की सहायता से कैनवास पर बड़े ही सुंदर रूप से अभिव्यक्त किया। उन्होंने कहा कि तीनों विद्यार्थियों के चित्र अति सुंदर व प्रेरणादायक है और विद्यार्थियों ने इस प्रदर्शनी के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं, विचारों और आंतरिक संघर्षों को कलात्मक अभिव्यक्ति की है।
ललित कला विभागाध्यक्ष डॉ. गुरचरण सिंह ने बताया कि इस प्रकार की प्रदर्शनियों के माध्यम से छात्रों को कला बाजार व आधुनिक काल तकनीकों से अवगत कराना है ताकि छात्र आत्मनिर्भर बन सके और भविष्य में कला के क्षेत्र में योगदान दे सके। उदय शाह ने प्रदर्शनी के माध्यम से बताया कि भावनाएं शक्तिशाली शक्ति है और वह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकती है। वहीं नीरज सिंह रावत की कलाकृतियां गतिशील मानव रूप को दर्शाती हैं। अधिश्री ध्यानी ने अपनी कृतियों में कला मानवीय भावनाओं की गहराई का अन्वेषण है।
इस अवसर पर ललित कला विभागाध्यक्ष डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. पवन कुमार, डॉ. राकेश बानी, डॉ. मोनिका, डॉ. आर. के. सिंह, चंद्रिमादास एवं सोहन दक्ष भी उपस्थित रहे। यह कला प्रदर्शनी आम दर्शकों के लिए 5 फरवरी 2025 तक खुली रहेंगी। यह प्रदर्शनी समीक्षकों व कला प्रेमियों के लिए एक अनुष्ठान अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ कला संग्राहकां द्वारा खरीद का एक सुनहरा अवसर भी है।

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