मां सरस्वती की कृपा प्राप्त का शुभ अवसर है बसंत पंचमी : डा. मिश्रा
मां सरस्वती की कृपा प्राप्त का शुभ अवसर है बसंत पंचमी : डा. मिश्रा।
कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक : कॉस्मिक एस्ट्रो के डायरेक्टर व श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली (कुरुक्षेत्र ) के पीठाधीश डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि बसंत पंचमी का संबंध माता सरस्वती से है। पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की तो सृष्टि में कोई जीवन था। लेकिन वह जीवन शांत और बिना किसी आवाज के था। भगवान ब्रह्मा ने अपने कमंडल से जल छींटा, जिससे देवी सरस्वती प्रकट हुईं। देवी सरस्वती ने वीणा बजाकर पूरे संसार में मधुर आवाज फैलाई और सृष्टि में जीवन का संचार हुआ। तभी से देवी सरस्वती को ज्ञान, संगीत और कला की देवी माना जाता है, और इस तिथि पर बसंत पंचमी मनाए जाने लगी।
मां सरस्वती की कृपा प्राप्त का शुभ अवसर है
बसंत पंचमी का पर्व स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थानों में भी मनाया जाता है। जो साधक इस अवसर पर माता सरस्वती की पूजा सच्ची भक्ति के साथ करते हैं उन्हें मां बुद्धि, विद्या और ज्ञान प्रदान करती हैं, क्योंकि वे ज्ञान की स्वामिनी हैं। इस पर्व पर छात्र और शिक्षक नए कपड़े पहनते हैं और ज्ञान की देवी की विशेष पूजा करते हैं। साथ ही देवी को प्रसन्न करने के लिए गीत और नृत्य आदि का आयोजन करते हैं। विद्यार्थियों को पुस्तके, पैन, कॉपी आदि का सहयोग कर सकते है।
मां सरस्वती के दिव्य मंत्र : ऐं ( ऐम्)
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
सरस्वती गायत्री मंत्र – ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।
इस विधि से करें मंत्रों का जाप : बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद मां सरस्वती का ध्यान करें। इसके बाद पीले या फिर सफेद रंग के वस्त्र धारण करें और मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। ध्यान रहे की मंत्रों के जाप के समय वास्तु शास्त्र आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इसके बाद मां सरस्वती देवी को पीले रंग के फूल अर्पित करें। इसके बाद आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
बसंत पंचमी के दिन क्या न करें ?
बसंत पंचमी के दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए। किसी को भी अपशब्द नहीं कहने चाहिए।
इस दिन से बसंत ऋतु आरंभ होती है। इस दिन पेड़-पौधे या फिर फसल नही काटने है।
बसंत पंचमी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।
बसंत पंचमी के दिन स्नान आदि से पहले भोजन नहीं करना चाहिए।