ब्रह्माकुमारीज : खुशियां आपके द्वार शिविर में ‘संबंधों में मधुरता’ विषय पर हुई चर्चा

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

रिश्तों को सुंदर बनाने के लिए खुद को बदलने की जिम्मेवारी लें : बी.के ओंकार चन्द।

कुरुक्षेत्र,16 मार्च :
ब्रह्माकुमारीज़ के विख्यात मोटिवेशनल वक्ता एवं माउंट आबू से पधारे प्रो. बी.के. ओंकार चंद ने कहा कि रिश्तों को सुंदर बनाने के लिए दूसरों को बदलने के लिए न सोचें। जितना हम दूसरों को बदलने की कोशिश करते हैं, उतना रिश्ता और अधिक उलझता जाएगा और वह व्यक्ति हमसे दूर होता जाएगा। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा शिव शक्ति मंदिर सेक्टर-7 में आयोजित ‘खुशियां आपके द्वार’ विषयक 3 दिवसीय राजयोग मैडिटेशन शिविर में बोल रहे थे। प्रो. बी.के. ओंकार चंद ने कहा कि हम पहले खुद को बदलने की जिम्मेवारी लें। हम अपनी चेकिंग करें कि ऐसी कौन सी बातें हैं, जिनकी वजह से हमारे नजदीकी लोग, हमारे सबसे प्यारे लोग ही कई बार हमारे दर्द का कारण बन जाते हैं। ये बात पक्की कर ले कि हम दूसरों को राय दे सकते हैं, समझा सकते हैं, मार्गदर्शन दे सकते हैं, प्रेरित कर सकते हैं, पर वह हमारी बात मानें या ना माने, यह उसकी मर्जी है। हम जबरदस्ती किसी को कंट्रोल नहीं कर सकते। जिस व्यक्ति का अपने बोल, हाथों और मन पर नियंत्रण नहीं है, वह दूसरों को कैसे कंट्रोल कर सकता है। हम सब की आत्मा इस संसार में एक यात्रा पर है, सब के यहां अलग-अलग संस्कार हैं, इसलिए कोई भी यहां पर गलत नहीं है। हमारा रिश्ता तब कमजोर होता है, जब हम सोचते हैं कि मैं सही हूं और सामने वाला गलत है। जो मैं सोचता हूं, बोलता हूं, करता हूं, वही सही है और सभी को वही करना चाहिए। मगर यह संभव नहीं है क्योंकि हर एक की अलग-अलग सोच है, अलग-अलग संस्कार हैं और अलग क्षमता है। ओंकार भाई ने कहा कि लोग सच बोलने के लिए तैयार हैं, पर क्या हम सच सुनने के लिए तैयार हैं। जब कोई हमसे सच बोलता है, तो हम गुस्से से बात करते हैं और झूठ बोलता है, तो खुश हो जाते हैं। इसलिए लोगों ने तुम्हारे साथ झूठ बोलना शुरु कर दिया। रिश्तों को ठीक करने के लिए सामने वाला व्यक्ति जो है, जैसा है, उसे स्वीकार करना चाहिए। हमारे द्वारा कही गई अच्छी से अच्छी बात अथवा राय भी लोगों को सुनने में इसलिए अच्छी नहीं लगती क्योंकि हम राय देने से पहले ही उनके बारे में गलत विचार मन में ले आते हैं कि यह व्यक्ति तो गलत है, बुरा है। उन्होंने कहा कि हम पहले दूसरे की आदतों को सम्मान दें, उन्हें स्वीकार करें और शुभ भावना रखते हुए उन्हें समझाएं, तब वे बदलने के लिए तैयार हो सकते हैं। इससे पहले सेक्टर-7 से नगर पार्षद एवं यूथ कांग्रेस महासचिव अमित गर्ग (शैन्की), प्रो. बी.के. ओंकार चंद और बी.के शकुंतला बहन आदि ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम की शुरूआत की। मंच का संचालन बी के सीमा बहन ने किया।ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र डी.डी. कॉलोनी की इंचार्ज बी.के शकुंतला बहन ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया और बताया कि खुशी एक खजाना है, खुशी को खत्म करने के अनेक बहाने व अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन अपनी खुशी को कायम रखने के लिए सिर्फ एक आप ही जिम्मेदार हैं। खुशी एक खजाना है और एक दवा भी है। समय के अनुसार परिस्थितियां भी बदल जाती हैं। भूतकाल की घटनाएं आपको तनाव नहीं देती हैं। पूरे जीवन में कई घटनाएं होती हैं, लेकिन समय के अनुसार उन्हें हम भूल कर आगे बढ़ते हैं। हम केवल वर्तमान में अच्छे से अच्छा जीवन जीने की साेचें, तो तनाव दूर हो जाएगा और भविष्य सर्वश्रेष्ठ होगा। इस अवसर पर बी के मधु, इंदु शर्मा, रमेश चंद, राधे शाम, नवीन राय, शाम प्रकाश शर्मा सहित भारी संख्या में भाई बहन मौजूद रहे।

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