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पश्चिमी अंधानुकरण पर प्रहार करता है नाटक “हड़प्पा हाउस”, कल ख़ुदा हाफ़िज़

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)

बरेली : थिएटर अड्डा मे रंगालय एकेडेमी ऑफ आर्ट कल्चर के 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के छठे दिन माध्यम संस्थान प्रयागराज ने नाटक हड़प्पा हाउस का मंचन किया।
रंगालय एकेडेमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर, बरेली द्वारा आयोजित रंग महोत्सव में माध्यम संस्थान (रंगमंडल), प्रयागराज द्वारा प्रस्तुत हास्य नाटक “हड़प्पा हाउस” समाज के विभिन्न वर्गों की सोच के अंतर को दर्शाता है। सोमवार को लोक खुशहाली प्रेक्षागृह में प्रस्तुत यह नाटक हास्य और व्यंग्य का अच्छा मिश्रण है। समाज के धनाढ्य वर्ग द्वारा पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण और पढ़े-लिखे बेरोजगारों का दर्द बयान करने वाला यह नाटक सामाजिक विसंगतियों को दर्शाता है। के. पी. सक्सेना द्वारा लिखित इस नाटक में बेरोजगार नौजवानों की मजबूरी को दिखाया गया है। नौकरी न मिलने पर दो पढ़े लिखे नौजवान ऐतिहासिक वस्तुओं की दुकान खोलते हैं, जिसमें वह दोनों पुरानी वस्तुओं को ऐतिहासिक बता कर बेचते हैं किंतु अंत में पकड़े जाते हैं। अपने चुटकुले संवादों व गुदगुदाते प्रस्तुतीकरण के कारण जहां दर्शक ठहाके लगाने को विवश होते हैं तो वहीं बेरोजगारी और विलासिता के बीच लटकती धुरी के कारण नाटक के अंत में सोचने को मजबूर भी होते हैं। डॉ. विनय श्रीवास्तव के कुशल निर्देशन में लवकुश भारतीय (फिरदौसी), विपिन गौड़ (फाहियान), दिव्या शुक्ला (पालकीवाला), प्रिया श्रीवास्तव (झुनझुनवाला), सुधीर सिन्हा (नेता), अजय कुमार (छोटू), और अनूप श्रीवास्तव (इंस्पेक्टर) ने बेहतरीन अभिनय किया। प्रस्तुति डॉ. अशोक कुमार शुक्ल, प्रकाश – विनय, वस्त्र विन्यास – अंशु श्रीवास्तव, संगीत संचालन – रिभू श्रीवास्तव, रूप सज्जा – दिव्या, प्रिया, मंच निर्माण – विपिन, लवकुश, अजय, मंच सामग्री – ओम श्रीवास्तव, प्रस्तुति नियंत्रक – वंदना राठौर और प्रस्तुति सहायक – शोभा शुक्ला रहे।
इससे पहले राजेश अग्रवाल पार्षद, डॉ. राकेश यदुवंशी, डॉ. विनोद पागरानी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कल मयूर संस्थान प्रयागराज का नाटक खुदा हाफिज का मंचन होगा।

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