जयराम विद्यापीठ में मां भगवती को प्रसन्न करने तथा सर्वकल्याण के लिए सुंदर मंडप व हवन कुंड की हुई स्थापना

जयराम विद्यापीठ में मां भगवती को प्रसन्न करने तथा सर्वकल्याण के लिए सुंदर मंडप व हवन कुंड की हुई स्थापना।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दर्गा सप्तशती पाठ से स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है : आचार्य प्रतीक।
कुरुक्षेत्र, 31 मार्च : ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ में मां भगवती का आहवान कर चैत्र नवरात्र महोत्सव के अवसर पर निरंतर दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान चल रहा है। इस अनुष्ठान के दूसरे दिन भी देशभर में फैली जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के मार्गदर्शन तथा प्रेरणा से श्री जयराम विद्यापीठ की यज्ञ शाला में दुर्गा सप्तशती पाठ किया गया एवं अनुष्ठान की आहुतियां डाली गई। विश्व कल्याण और समृद्धि की कामना करते हुए तथा राष्ट्र में व्याप्त समस्त रोगों के निवारण के लिए प्रार्थना करते हुए विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ निरंतर पूजन किया जा रहा है। 21 ब्राह्मणों एवं ब्रह्मचारियों के साथ नवरात्र दुर्गा सप्तशती पाठ करवा रहे आचार्य प्रतीक ने दूसरे दिन श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना सम्पन्न करवाई। जयराम विद्यापीठ में दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान में मां भगवती को प्रसन्न करने तथा सर्व कल्याण के लिए बहुत ही सुंदर मण्डप व हवन कुंड स्थापित किया गया है। इस मण्डप तथा कुंड के चारों ओर 21 विद्वान् ब्राह्मणों एवं ब्रह्मचारियों द्वारा श्री दुर्गा सप्तशती का निरंतर पाठ भी किया जा रहा है। आचार्य प्रतीक शर्मा ने बताया कि मां भगवती स्वयं लक्ष्मी स्वरूप में आकर स्थिर रूप में अनुष्ठान करवाने वाले भक्त के घर में निवास करती है। जिसकी कृपा से मनुष्य समस्त मनोरथों और कामनाओं को प्राप्त कर मुक्ति को प्राप्त होता है।
दूसरे दिन के जयराम विद्यापीठ की यज्ञ शाला में पूजन एवं पाठ करते हुए वेदपाठी एवं अन्य।