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प्रत्येक मनुष्य को श्रवण करनी चाहिए श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा : स्वामी रामप्रपन्नाचार्य महाराज

सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी – दूरभाष – 9416191877

वृन्दावन : राम नगर कॉलोनी स्थित आचार्य कुटी आश्रम (श्रीकृष्ण मंदिरम दिव्यादेश) में प्रमुख समाजसेवी स्व. रोशन सिंह राजपूत की पुण्य स्मृति में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारंभ हुआ। जिसके अंतर्गत व्यासपीठ पर आसीन प्रख्यात संत श्रीमज्जगद्गुरु स्वामी रामप्रपन्नाचार्य महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा देश-विदेश से आए समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण के महात्म्य की कथा श्रवण कराई।
व्यासपीठ से श्रीमज्जगद्गुरु स्वामी रामप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण एक ऐसा ग्रन्थ है,जिसके श्रवण से मनुष्य कामना रहित होकर प्रभु की निष्काम भक्ति को प्राप्त करता है।मनुष्य योनि के लिए इस ग्रन्थ का श्रवण, वाचन व अध्ययन तीनों की मंगलकारी व कल्याणकारी है।इसलिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में कम से कम एक बार श्रीमद्भागवत महापुराण की अमृतमयी कथा अवश्य श्रवण करनी चाहिए।
इस अवसर पर इस अवसर पर साहित्य संस्कृति मनीषी,”यूपी रत्न ” डॉक्टर गोपाल चतुर्वेदी, एडवोकेट, श्रीमती रामेती बाई राजपूत (मडगुला वाली), श्रीमती शशि-भानुप्रताप सिंह (जबलपुर), श्रीमती सुनीता-अरविंद सिंह बघेल (उदयपुरा), श्रीमती कृष्णा-नेपाल सिंह राजपूत (नरसिंहपुर), अकांशा, गिरिराज सिंह, शुभम सिंह, सृष्टि, सत्यम सिंह, शुभ सिंह, ऋचा, भरत सिंह, रिया (मंजरी), कौशलेंद्र सिंह, सुरभि, हितेन्द्र सिंह (शनि), जिया, परि, राघव, हेतांश, हिमांशु, धर्मगुरु गोविन्द प्रकाश वाजपेई (कानपुर), डी. एस. राजपूत, रामाजी, डॉ. राधाकांत शर्मा, अर्जुन दास, जीतू पाण्डेय, सुदर्शनाचार्य, मुन्ना लाल कुलश्रेष्ठ आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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