किसान मार्च महीने में बेल वाली सब्जियों से अधिक लाभ ले सकते हैं : डा. सी. बी. सिंह

किसान मार्च महीने में बेल वाली सब्जियों से अधिक लाभ ले सकते हैं : डा. सी. बी. सिंह।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
बेल वाली सब्जियों के लिए मौसम भी अनुकूल रह सकता है।
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च : कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह का कहना है कि परम्परागत खेती के मुकाबले किसानों को सब्जियों की खेती से अधिक लाभ मिल सकता है। किसानों की सब्जियों की खेती के लिए कुशल कृषि विशेषज्ञों से जानकारी के साथ मौसम की भी जानकारी रखनी चाहिए। इससे सब्जी की फसल का सही उत्पादन एवं बीमारियों से भी बचाव होगा। डा. सिंह ने कहा कि मार्च महीने में बेल वाली सब्जियों करेला, तुरई, लौकी और कद्दू की खेती की जा सकती है। ये सब्जियां बेल वर्गीय हैं। उन्होंने कहा कि मार्च में तोरई, ककड़ी, बैंगन, भिंडी, टमाटर, खीरा, हरी मिर्च, नींबू, पुदीना इत्यादि भी उगाया जा सकता है। डा. सिंह ने सब्जियों को उगाने के संबंध में किचन गार्डनिंग के भी टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि घरों में जमीन के अभाव में बेल वाली सब्जियों को गमलों में लगाया जा सकता है। गमलों में इन सब्जियों के बीज लगाकर पौधे आ सकते हैं। घर में सब्जियों से घर की रसोई के लिए अच्छी ताजा सब्जी मिल सकती है। डा. सिंह ने घर में उगाई जाने वाली सब्जियों के बारे कहा कि कई ऐसी सब्जियां है जिनका एक बार पौधा लगाने के बाद लगातार सब्जियां मिलती रहती हैं। उन्होंने कहा कि लौकी को उगाने के लिए अधिक जगह की जरूरत नहीं पड़ती है। गर्म और आर्द्र जलवायु इस सब्जी की फसल के लिए काफ़ी उपयुक्त मानी जाती है। भिंडी की बिजाई मार्च के पहले हफ्ते में कर लेनी चाहिए। अप्रैल-मई में भिंडी की फसल फल देना शुरू कर देगी।
कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह पौधे का निरीक्षण करते हुए एवं जानकारी देते हुए।