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लोक कलाएं हमारी सभ्यता और संस्कृति की धरोहर : प्रो. सोमनाथ सचदेवा

पांच दिवसीय लोक कला कार्यशाला का हुआ समापन सम्पन्न।

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 13 अक्टूबर : भारत रत्न गुलजारीलाल नंदा नीति शास्त्र दर्शनशास्त्र केंद्र, संग्रहालय एवं पुस्तकालय, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग तथा स्वावलंबी भारत अभियान के संयुक्त तत्वावधान में चल रही पांच दिवसीय लोक कला कार्यशाला का समापन सोमवार को हुआ। भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कार्यशाला में विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां की दिल खोलकर प्रशंसा की और साथ ही अपनी कला को परिमार्जित कर रोजगार के रूप में अपने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि लोक कलाएं हमारी सभ्यता और संस्कृति की धरोहर हैं। इन्हें सहेजने और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी युवा पीढ़ी की है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि जीवन में जो भी कला आपने सीखी है वह रोजगार का रूप ले सकती है। बस कहीं ना कहीं से आपको शुरुआत करने की जरूरत है। आज जो भी बड़ी कंपनियां हमारे देश में काम कर रही है वे कभी ना कभी किसी के स्टार्टअप रहे होंगे। किसी भी छोटे से काम को बड़े स्तर पर ले जाया जा सकता है। इस कार्यशाला की रूपरेखा तैयार करने के लिए उन्होंने केंद्र की निदेशिका प्रो. शुचिस्मिता को शुभकामनाएं दी और इसे एक सराहनीय कदम बताया।
भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा नीतिशास्त्र एवं दर्शनशास्त्र केंद्र की निदेशिका प्रो. शुचिस्मिता ने सभी अतिथियों का केंद्र में आने पर स्वागत किया और कार्यशाला में पांच दिनों में हुई गतिविधियों का विवरण दिया। उन्होंने हरियाणा की लुप्त होती हुई कलाओं को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचना इस कार्यशाला का मुख्य लक्ष्य बताया।
प्रख्यात पत्रकार श्री विजय सभरवाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला का पूरा लाभ उठाते हुए उन्होंने जो भी इस कार्यशाला में सीखा है उसको रोजगार का आधार बनाया जा सकता है। इस अवसर पर मंच संचालन डॉक्टर पुरुषोत्तम कुमार ने किया। डॉ. कुलदीप आर्य ने कार्यक्रम में सभी अतिथियों तथा कलाकारों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर डॉ. तरविन्द्र जीत कौर, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. अजय जांगडा, प्रदीप, हरिकेश पपोसा, गगन हांडा सहित प्रतिभागी मौजूद रहे।
फालतू चीजों से कलाकृतियां बनाने का दिया गया प्रशिक्षण।
कार्यशाला में बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट की क्लास सिखाने के लिए हिसार की रहने वाली श्रीमती ममता शर्मा को आमंत्रित किया गया। उन्होने घर की बची हुई फालतू चीजों से कलाकृतियां कैसे बनाई जाए इसका प्रशिक्षण विद्यार्थियों को प्रदान किया गया। साथ ही विद्यार्थियों को पेंटिंगख् रंगोली, अल्पना तथा अन्य वस्तुओं की सजावट का प्रशिक्षण लोक कला कार्यशाला में दिया गया। कार्यशाला का मुख्य आकर्षण चारपाई बुनाई का प्रशिक्षण भी रहा। साथ ही पीढा पीढ़ी, खटोला, कुर्सी और सोफा आदि की बुनाई भी इस कार्यशाला में सिखाई गयी।

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