दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से लक्खा सिंह वाला गांव में हवन जाएगा किया गया आयोजन
फिरोजपुर 21 दिसंबर {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से लखा सिंह वाला गांव में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्य शास्त्री प्रजापत्यानंद जी विशेष रूप से नूरमहल से पधारे। हवन यज्ञ का महत्त्व बताते हुए साध्वी किरण भारती जी ने कहा की प्रदूषण की महामारी के विस्तार के कारण गांव कस्बे भी रहने लायक नहीं रहेंगे। आज की बहती वायु कीटाणुओं और विषैली गैसों की वाहक बन चुकी है। हरे- भरे प्रदेश रेगिस्तान में परिवर्तित होते जा रहे हैं।
साध्वी जी ने कहा कि वैदिक काल का वातावरण प्रदूषण मुक्त था। ऐसा नहीं है कि उस समय कोई उद्योग नहीं थे अविष्कार, खोजें एवं परीक्षण नहीं हुआ करते थे। सब कुछ होते हुए भी वातावरण प्रदूषित नहीं था। वे वातावरण संरक्षण के प्रति बेहद जागरूक थे। उन्होंने वातावरण के को प्रदूषित होने से बचाने के लिए अनेक प्रयोगात्मक पद्धतियों का भी अविष्कार किया था। इसमें से सबसे प्रभावी और सर्वोत्तम पद्धति थी यज्ञ पद्धति। पर्यावरण प्रदूषण के निराकरण का सर्वोत्तम साधन यज्ञ है, यह सब अशुद्धियों, दोषों या प्रदूषण को दूर कर के वातावरण को पवित्र बनाता है। यज्ञों में प्रयोग होने वाले द्रव्य जैसे समिधा, सामग्री एवम् घी इत्यादि वातावरण को शुद्ध करने में सहायक होते हैं। जैसे की देसी गाय का घी जलाने से कोसों दूर के कीटाणु मर जाते हैं। जिससे मानव अनेक प्रकार की बीमारियों से बच जाता है। उन्होंने कहा कि हमने यज्ञ पद्धति का परीक्षण करके देखा और पाया है कि भारतीयों के हाथ में यह एक आश्चर्यजनक शस्त्र है। इसलिए हमें भी वातावरण को शुद्ध करने के लिए यज्ञ का आयोजन करते रहना चाहिए। यजमानों के द्वारा हवन यज्ञ के अंदर आहुतियां डाली गई।