गुरुकुल कुरुक्षेत्र के ‘शिक्षा उत्सव’ में उमड़ी भारी भीड़,नौवीं और ग्यारहवीं में प्रवेश हेतु विभिन्न प्रदेशों से 5 हजार से ज्यादा छात्र पहुंचे

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161 91877
छाया – युवराज।

आचार्यश्री ने आधुनिक सुविधाओं से युक्त विद्यालय भवन ‘देवयान’ का किया लोकार्पण।

कुरुक्षेत्र, 17 मार्च : गुरुकुल कुरुक्षेत्र वर्तमान में हरियाणा ही नहीं वरन् पूरे भारतवर्ष में एकमात्र ऐसा संस्थान में जहां बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ पुरातन संस्कारों की अमूल्य धरोहर प्रदान की जाती है। गुरुकुल के संरक्षक और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के ‘सेवा, सुरक्षा, शिक्षा और संस्कार’ के ध्येय वाक्य के अनुरूप गुरुकुल में छात्रों का सर्वांगीण विकास किया जाता है, जिससे यहां के बच्चे शिक्षा के साथ खेलों में भी अग्रणी रहते हैं। आज गुरुकुल में नौंवी और ग्यारहवीं कक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा हुई जिसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित 13 प्रदेशों से 5 हजार से ज्यादा बच्चे शामिल हुए। गुरुकुल परिसर में उमड़ी लगभग 15 हजार की भीड़ इस बात का प्रमाण है कि आज प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चे को गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्रवेश दिलाना चाहता है, क्योंकि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आचार्य देवव्रत के ओजस्वी मार्गदर्शन में चल रहे शिक्षण संस्थानों में ही उनके बच्चों का वर्तमान और भविष्य दोनों सुरक्षित हैं। इस अवसर पर गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, ओएसडी टू गर्वनर डाॅ. राजेन्द्र विद्यालंकार, गुरुकुल के निदेशक ब्रिगेडियर डाॅ. प्रवीण कुमार, प्राचार्य सूबे प्रताप, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य सहित भारी संख्या में अभिभावक व बच्चे उपस्थित रहे। मंच संचालन रवि शास्त्री द्वारा किया गया।
इससे पर्व आचार्यश्री ने गुरुकुल के नवनिर्मित विद्यालय भवन ‘देवयान’ का लोकार्पण किया। आचार्य सत्यप्रकाश के ब्रह्मत्व में हुए विशेष अग्निहोत्र में आचार्यश्री एवं लेडी गर्वनर श्रीमती दर्शना देवी ने पूर्णाहूति देकर यज्ञ सम्पन्न कराया, तत्पश्चात् आचार्य दयाशंकर के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ‘देवयान’ का उद्घाटन आचार्यश्री के कर-कमलों द्वारा किया गया। ‘गुरुकुल शिक्षा उत्सव’ में पधारे अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रत्येक माता-पिता गुरुकुल में अपने बच्चे को पढ़ाना चाहते हैं जिसके पीछे तीन मुख्य कारण है। माता-पिता अपने बच्चे को शिक्षा के क्षेत्र में नंबर वन बनाना चाहते हैं, दूसरा वे शारीरिक रूप से भी अपने बच्चों को मजबूत बनाना चाहते है और तीसरा कारण है कि आज की पीढ़ी से संस्कार गायब होते जा रहे है, जो अच्छा संकेत नहीं है। माता-पिता चाहते हैं कि उनका बेटा बड़ा होकर उनकी सेवा करें, जो संस्कार केवल गुरुकुलों में ही दिया जाते हैं। उन्होंने कहा कि गुरुकुल में बच्चों को संस्कारों के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाया जाता है ताकि वह बड़ा होकर न केवल देश का एक अच्छा नागरिक बनें बल्कि अपने माता-पिता की बुढ़ापे में खूब सेवा करें।
वैदिक विद्वान् डाॅ. राजेन्द्र विद्यालंकार ने कहा कि एनडीए, आईआईटी, एनआईटी, नीट आदि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग हेतु गुरुकुल में कोटा की मशहूर ‘वाइब्रेंट एकेडमी’ अपनी सेवाएं देगी। उन्होंने कहा कि सभी अभिभावक अपने बच्चे के भविष्य को लेकर निश्चिंत रहें क्योंकि गुरुकुल में प्रवेश के साथ ही प्रत्येक बच्चे की पूरी जिम्मेदारी हमारी हो जाती है। उन्होंने कहा कि गुरुकुल की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कुछ मौकापरस्त लोग अपने बंद पड़े हुए संस्थानों पर गुरुकुल का नाम लगाकर उन्हें भरमाने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसे लोगों से अभिभावकों को सचेत रहने की जरूरत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र, चमनवाटिका कन्या गुरुकुल अंबाला, गुरुकुल नीलोखेड़ी, आर्यकुलम् नीलोखेड़ी और गुरुकुल ज्योतिसर के अलावा गुरुकुल के नाम से चलने वाले किसी भी शिक्षण संस्थान से आचार्य देव्रवत या गुरुकुल कुरुक्षेत्र प्रबंधन का कोई लेना-देना नहीं है, अभिभावक किसी के बहकावे में आकर अपने बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें, उनके लिए सही शिक्षण संस्थान का चयन करें। उन्होंने कहा कि आचार्य देवव्रत जी को इस बात की भी चिंता है कि जिन छात्रों का गुरुकुल में प्रवेश नहीं हो पाता, वे कहां जाएं ? इसके लिए उन्होंने गुरुकुलों की एक श्रृंखला आरम्भ की है, संभव है कि आने वाले समय में इस श्रृंखला में और गुरुकुलों का निर्माण कर बच्चों को संस्कार के साथ उत्तम शिक्षा दिलाने की अभिभावकों की भावना को पूर्ण किया जा सके।
गुरुकुल के निदेशक ने गुरुकुल की शैक्षिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरुकुल के छात्रों ने सर्वेश्रेष्ठ परीक्षा परिणामों की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए सीबीएसई की 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा में शत-प्रतिशत रहता है, यहां के सभी छात्र बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट प्राप्त करते हैं। इस वर्ष एनडीए में 11, पीआईएमटी में 17, आईआईटी में 7 तथा एनआईटी में 4 छात्रों का चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि गुरुकुल की प्रशिक्षण लेकर लगभग 50 छात्र देश की सेनाओं में उच्च पदों पर जाकर राष्ट्र-सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुकुल मंे प्रवेश पाने वाले प्रत्येक छात्र अपने आप में विशिष्ट है और उसकी प्रतिभा को निखार कर उसे एक सुनहरा भविष्य प्रदान करने का दायित्व गुरुकुल कुरुक्षेत्र का है जिसे गुरुकुल का एक-एक सदस्य पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाता है।

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