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कथा के पंचम व अंतिम दिवस में कथा व्यास ने सुनाया श्री कृष्ण व रुक्मिणी विवाह प्रसंग

यह प्रसंग हमें प्रेरणा देता है कि यह कोई बाहरी मिलन नहीं अपितु अंतर जगत में परमात्मा व आत्मा का मिलन है-साध्वी गरिमा भारती

(पंजाब) फिरोजपुर/फरीदकोट, 09 सितंबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से फरीदकोट स्थित श्री राधा कृष्ण धाम में पांच दिवसीय श्री कृष्ण कथामृत का आयोजन किया गया। कथा में वरिंदर पाल बिंदरी प्रमुख समाजसेवी, डॉ दीपक गोयल गोयल हॉस्पिटल, सतीश ग्रोवर जिला प्रधान अकाली दल, सोनू ग्रोवर प्रधान सब्जी मंडी फरीदकोट, संदीप कुमार कैश क्लॉथ हाउस
रणदीप खोसला (मनी), रवि सेठी और प्रणाम मौड़ ने भगवान श्री कृष्ण जी का पूजन करवाया।
कथा के पंचम व अंतिम दिवस में श्री कृष्ण व रुक्मिणी जी के विवाह प्रसंग को प्रस्तुत करते हुए श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी गरिमा भारती जी ने बताया कि मानव जीवन श्री कृष्ण और रुक्मिणी जी के मिलन का एक दुर्लभ अवसर है। श्री कृष्ण भाव परमात्मा तथा रुक्मिणी अर्थात आत्मा। लेकिन आज का मानव अपने इस वास्तविक लक्ष्य से अनभिज्ञ है। मननशील प्राणी होते हुए भी वह उस तत्व पर विचार ही नहीं करता जिस पर मनन करके उसे जीवन का लक्ष्य मिल सकता है। क्योंकि रुक्मिणी जी प्रभु से जब तक दूर थी तब तक दुखी व अशांत थी। लेकिन जैसे ही पंडित जी को भेजकर कृष्ण को प्रार्थना की कि वह आकर उन्हें स्वीकार करें। तो कृष्ण जी को प्राप्त कर उनका जीवन आनंद से भर उठा। मानव भी आज अपने ही भीतर बैठे परमात्मा को ना जानने से दुखी व अशांत है। लेकिन वह उसे तब तक नहीं जान सकता जब तक उसके जीवन में एक ब्रह्मनिष्ठ गुरु का आगमन नहीं होता। यह सृष्टि का अटल नियम है कि जिसे भी परमात्मा रूपी रहस्य की पुष्टि हुई उसके जीवन में पहले पूर्ण गुरु का आगमन हुआ। जो मानव के अंतःकरण में व्याप्त अंधकार व ईश्वर संबंधी संदेहों को प्रकाश व आत्मज्ञान के माध्यम से तिरोहित कर दे वही पूर्ण ब्रह्म सद्गुरु है। इसलिए भगवान श्री कृष्ण का रुक्मिणी जी का विवाह प्रसंग हमें यही प्रेरणा दे रहा है कि यह कोई बाहरी मिलन नहीं अपितु अंतर जगत में परमात्मा व आत्मा का मिलन है। जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अनिवार्य है। साध्वी जी ने कहा कि जब पूर्ण गुरु मानव के जीवन में आते हैं तो हमारा दिव्य चक्षु खोलकर हमारे भीतर उस ईश्वर का साक्षात्कार करवा देते है।
कथा में गगनदीप सिंह धालीवाल चेयरमैन इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट फरीदकोट, डॉ रमनदीप जैतो, एडवोकेट अनुज गुप्ता, एडवोकेट गगन सुखीजा ने विशेष तौर पर पहुंच कर कथा को श्रवण किया साथ ही प्रभु के आशीर्वाद को प्राप्त किया। इसके साथ ही प्रभु की पावन पुनीत आरती में सम्मलित हुए प्रदीप कटारिया, राकेश कटारिया प्रधान भारत विकास परिषद्, विनोद सिंगला, एडवोकेट राजकुमार गुप्ता, लक्की राजपूत, वैद करनैल सिंह, रोहित गांधी, कृष्ण गोयल, गुरप्रीत सचदेवा, दर्शन लाल चुग, रमेश कुमार गेरा और संजीव मोंगा इत्यादि ने प्रभु की पावन आरती करवाई। इसके साथ ही वरिंदर पाल बंसल और एडवोकेट राजकुमार गुप्ता ने कथा व्यास को माल्यार्पण कर व्यास पूजन किया। गुरप्रीत सचदेवा और सुमन बहन ने संत समाज को वस्त्र प्रदान कर आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री राधा कृष्ण धाम द्वारा कथा व्यास जी को स्मृति चिह्न प्रदान कर उनके लिए प्रशंसा पत्र पड़ा। कथा में उपस्थित सभी संस्थाओं ने कथा के आयोजन की प्रशंसा की। संस्थान की ओर से स्वामी धीरानंद जी ने शहर के सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं को कथा में सहयोग देने के लिए धन्यवाद किया।

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