जीवन में योगिक पद्धतियां अपनाना आवश्यक : रितु ढींगरा

जीवन में योगिक पद्धतियां अपनाना आवश्यक : रितु ढींगरा
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
कुवि में विद्यार्थियों को ध्यान एवं आध्यात्मिकता का दिया प्रशिक्षण।
6कुरुक्षेत्र, 6 मई : आर्ट ऑफ लिविंग हैप्पीनेस प्रोग्राम शिक्षक व वेलनेस कोच रितु ढींगरा ने कहा कि दैनिक जीवन में योगिक पद्धतियां अपनाना आवश्यक है क्योंकि ये पद्धति फोकस, भावनात्मक संतुलन, आत्म- अनुशासन और आंतरिक आनंद को बढ़ावा देती हैं जो शैक्षणिक एवं पेशेवर सफलता के मुख्य स्तंभ हैं। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (आईएमएस) द्वारा आवेकन द इनर पावरः योग, प्राणायाम, ध्यान एवं आध्यात्मिकता द्वारा युवाओं की सफलता विषय पर ग्राउंड ब्रेकिंग कार्यशाला में बोल रही थी।
श्रीमती ढींगरा ने जोर देते हुए कहा कि सच्ची सफलता मनुष्य के भीतर से शुरू होती है। जब युवा योग और ध्यान के माध्यम से अपने मन पर नियंत्रण करना सीख जाते हैं तो वे जीवन में किसी भी विकट परिस्थिति का सामना सरलता से कर सकते हैं।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अनिल मित्तल ने कहा कि संस्थान शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ छात्रों के समग्र विकास पर विशेष बल देता है। योग और ध्यान जैसी प्राचीन भारतीय पद्धतियाँ न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक संतुलन और रचनात्मक सोच विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कार्यशाला में संस्थान के उप निदेशक डॉ. राजन शर्मा ने कहा कि यह कार्यशाला संस्थान के संपूर्ण नेतृत्व विकास के मिशन के अनुरूप है। इस अवसर पर डॉ. जय किशन चंदेल, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. ममता भारद्वाज, डॉ. मीनाक्षी गोदारा, डॉ. पलक बजाज, संगीता धीर, दिशा ककड़ सहित 74 छात्र मौजूद थे।