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जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने किया श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का अवलोकन

जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने किया श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का अवलोकन।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में अत्याधुनिक मशीनें और विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट देख जताई प्रसन्नता।
कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने किया अतिथियों का स्वागत।

पलवल : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने बुधवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का दौरा किया और उच्च शिक्षा में कौशल विकास के मॉडल का अवलोकन किया। विश्वविद्यालय परिसर पहुँचने पर कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर और कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान पलवल के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनेश जिन्दिया, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह और अतिरिक्त जिला उपायुक्त अखिल पिलानी भी उनके साथ मौजूद रहे।
विद्यार्थियों से मुखातिब जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने कहा कि अपने लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें हासिल करने के लिए मेहनत में जुट जाएं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी जड़ों से जुड़े रहने का आह्वान किया और कहा कि कितने भी बड़े पद पर पहुंच जाएं, लेकिन अपने अतीत को ना भूलें। जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने कहा कि अपने बड़ों का सम्मान करें और ग़रीबों की सहायता करें। सबके प्रति सहानुभूति और समानुभिति रखनी चाहिए।
इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनेश जिन्दिया ने विद्यार्थियों को कानून की मूलभूत अवधारणा से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश और समाज के लिए कानून आवश्यक है। युवाओं को कानून के प्रति जागरूक रहना चाहिए, ताकि उनके माध्यम से समाज के दूसरे वर्गों को कानूनी अधिकार मिल सकें।
कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने इस मौके पर कहा कि विद्यार्थी को जीवन में सीखने की ललक रखनी चाहिए। उन्होंने तेजी से बदलती तकनीक के नए पहलुओं को सीखने का भी आह्वान किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि जो शिक्षा हमारे भीतर नम्रता ना ला सके, वह निरर्थक है। सभ्य आचरण ही हमारे शिक्षित होने का प्रमाण है।
इससे पूर्व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मंच से विद्यार्थियों को कानूनी अधिकारों से अवगत करवाया। कानूनी सहायता सुरक्षा अधिवक्ता जगत सिंह रावत और सहायक कानूनी सहायता सुरक्षा अधिवक्ता पिंकी शर्मा ने कानूनी जागरूकता पर विद्यार्थियों से चर्चा की। अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी कौशल संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विषय की प्रस्तावना रखी।
जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस का अवलोकन किया और अत्याधुनिक मशीनों के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट देखे और उनकी सराहना भी की।
कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर और कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने स्मृति चिन्ह एवं शाल भेंट कर अतिथियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर सुरेश कुमार, डीन प्रोफ़ेसर आशीष श्रीवास्तव, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह, डॉ. संजय राठौर, कुलपति के विशेष कर्तव्य अधिकारी संजीव तायल और डॉ. प्रीति भी उपस्थित थे।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में लैब का अवलोकन करते पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस महावीर सिंह सिंधु।
विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए ई व्हीकल को देखते पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस महावीर सिंह सिंधु।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस महावीर सिंह सिंधु को सम्मानित करते कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर।

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