हरियाणा कला परिषद के नाट्य महोत्सवों में लोकनाट्य सांग की भी होगी प्रस्तुति। नागेंद्र शर्मा

हरियाणा कला परिषद के नाट्य महोत्सवों में लोकनाट्य सांग की भी होगी प्रस्तुति। नागेंद्र शर्मा।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र 27 मार्च : विश्व रंगमंच दिवस समस्त रंगकर्मियों के लिए एक त्योंहार की तरह है। रंगमंच से जुड़ा प्रत्येक कलाकार रंगमंच दिवस के अवसर पर नाट्य सम्बंधित गतिविधियों के द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में हरियाणा प्रदेश में भी हरियाणा कला परिषद के माध्यम से विभिन्न शहरों में नाट्य समारोह आयोजित कर प्रदेश के रंगकर्मी अपने दायित्व को निभा रहे हैं। इसी कड़ी में हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा कला परिषद द्वारा भविष्य में जो भी नाट्य समारोह आयोजित होंगे, उन नाट्य समारोह में हरियाणा की लोकनाट्य विधा सांग को अवश्य शामिल किया जाएगा। इस कार्य की शुरुआत दिनांक 27 मार्च से 31 मार्च तक फरीदाबाद में आयोजित नाट्य उत्सव से की गई है। इस नाट्य उत्सव में जहां प्रदेश के अलग-अलग रंगकर्मियों के नाटकों का मंचन किया जाएगा, वहीं नाट्य उत्सव के समापन पर 31 मार्च को जींद से डा0 राजेंद्र सांगी द्वारा सांग हीर रांझा मंचित किया जाएगा। इसके अलावा अप्रैल माह में हिंदी रंगमंच दिवस के अवसर पर कला कीर्ति भवन में तीन दिवसीय नाट्य समारोह के दौरान हिसार से डा. सतीश कश्यप द्वारा सांग कृष्ण का मंचन किया जाएगा। नागेंद्र शर्मा ने बताया कि हरियाणा का लोकनाट्य सांग समस्त विधाओं से ओतप्रोत रहता है। जिसमें अभिनय के साथ-साथ नृत्य, संगीत, रागनी इत्यादि शामिल रहती है। प्रत्येक कलाकार पूरे रियाज के बाद 3 से 5 घण्टे की प्रस्तुति से हरियाणा की पारम्परिक लोक विधाओं को किस्सें के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं। नागेंद्र शर्मा ने यह भी बताया कि हरियाणवी सांग के बहुत कम कलाकार ही हरियाणा में सांग विधा को संजोए हुए हैं। युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर होने के कारण हरियाणवी संस्कृति से दूर होती जा रही है। इसलिए हरियाणा कला परिषद का दायित्व है आज के युग में युवाओं को हरियाणवी संस्कृति से रुबरु करवाया जाए, ताकि युवा पीढ़ी भी सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से प्रदेश की कला को जीवंत रख सके।