कार्तिक मास में पूजा पाठ दान का अक्षय फल प्राप्त होता है : महंत सर्वेश्वरी गिरि।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
आश्रम में कथा कर रही स्वयं महंत सर्वेश्वरी गिरि जी महाराज द्वारा गरीब जरूरतमंद कन्याओं की शिक्षा पर यजमानों द्वारा विशेष मार्गदर्शन।
कुरुक्षेत्र, 2 नवंबर : पिहोवा के श्री गोविंदानंद आश्रम में चल रही श्री मद भागवत कथा में आज के प्रसंग में आश्रम की महंत सर्वेश्वरी गिरि जी महाराज ने बताया कि 12 मास में सबसे उत्तम मास कार्तिक है इस मास में पूजा पाठ दान का अक्षय फल प्राप्त होता है।
महंत सर्वेश्वरी गिरि ने कार्तिक मास पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस मास में भगवान विष्णु जी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। उन्होंने बताया कि जिन के यहां कोई कन्या नही है उन्हे किसी भी गरीब जरूरतमंद की कन्या को गोद ले कर अपनी कन्या समझ कर उसका पालन पोषण शिक्षा शादी का खर्चा उठाने वाला व्यक्ति ही सच्चा धर्म प्रेमी है ऐसे मानव का मनुष्य योनि में जन्म लेना सार्थक हो जाता है। कथा महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरी जी महाराज एवं महंत बंसी पुरी जी महाराज के मार्गदर्शन सान्निध्य में चल रही है। कथा में मुख यजमान नगर पालिका प्रधान आशीष चक्रपाणि का पूर्ण सहयोग मिल रहा है, आज चक्रपाणि। परिवार ने अपने बच्चे का जन्मदिन गोविंदा आश्रम में हर्षोल्लास के साथ मनाया।
कथा के आनंद में महिला मंडल की विशेष उपस्थिति रही।
कथाव्यास महंत सर्वेश्वरी गिरि जानकारी देते हुए।