मारकंडेय ने मानव कल्याण के लिए नैतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक व भौतिक विषयों का ज्ञान किया है : प. कमल कुश।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में कथा श्रवण करने पहुंचे संत महापुरुष।
कुरुक्षेत्र, 27 अक्तूबर : ऋषि मारकंडेय प्राकट्योत्सव के अवसर पर मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सानिध्य में आयोजित श्री मारकंडेय पुराण कथा के चौथे दिन व्यासपीठ से कथा वाचक प. कमल कुश ने बताया कि मारकंडेय पुराण में ऋग्वेद की तरह इन्द्र, सूर्य, अग्नि, वायु, चंद्र आदि देवताओं पर अनुसंधान है। इस में नित्यकर्म और गृहस्थाश्रम आदि की भी चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि मारकंडेय पुराण में मां भगवती की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है।
कथा वाचक प. कमल कुश ने बताया कि मारकंडेय पुराण में दत्तात्रेय-चरित्र की कथा, अत्रि-अनसूया की कथा, दुर्गासप्तशती की कथा, राजा हरिश्चन्द्र की कथा आदि कथाओं का वर्णन किया गया है। पुराण में मारकंडेय ऋषि ने मनुष्य के कल्याण के लिए नैतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक एव भौतिक विषयों का भली–भाँति ज्ञान किया है। कथा के चौथे दिन मंदिर में महंत बंसी पुरी, महंत लक्ष्मी नारायण पुरी, महंत विवेकानंद पुरी, महंत आशुतोष पुरी, मनोहर गिरी इत्यादि संत महापुरुष भी कथा श्रवण करने पहुंचे जिनका महंत जगन्नाथ पुरी ने स्वागत व सम्मान किया। इस अवसर पर स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी संतोषानंद, बिल्लू पुजारी, दर्शन, गुरभजन सिंह सैनी, कंवरपाल राणा, सुभाष राणा, धर्मपाल राणा, अरमान, आशीष राणा, खुशी, रीना देवी, मुकेश देवी, अंजलि देवी, आदित्य, मधु, राजवंती, सुदेश, मकेश राणा इत्यादि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
कथा श्रवण करने पहुंचे संत महापुरुष एवं व्यासपीठ पर पूजन करते हुए।