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अपने बच्चों की रक्षा, सुरक्षा और सुख समृद्धि के लिए माताएं रखती है अहोई अष्टमी का व्रत : अमित मौदगिल

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 12 अक्टूबर : उत्तर भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पण्डित अमित मौदगिल ने अहोई अष्टमी पर बच्चों की रक्षा सुरक्षा सुख समृद्धि के लिया जानकारी देते हुए बताया कि अहोई अष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जिसे माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए मनाती हैं। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है और अहोई माता को समर्पित है, जो बच्चों की रक्षक देवी मानी जाती हैं।
अहोई अष्टमी 2025 के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें: व्रत की तिथि: 13 अक्टूबर 2025, सोमवार।
अष्टमी तिथि: दोपहर 12:24 बजे से शुरू होकर 14 अक्टूबर 2025, मंगलवार को सुबह 11:09 बजे तक।
पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 5:53 बजे से 7:08 बजे तक।
तारों को अर्घ्य देने का समय : शाम 6:17 बजे तक आसमान में तारे दिखाई देने पर।
इस दिन माताएं उपवास रखती हैं और घर में अहोई माता का चित्र या मिट्टी की आकृति बनाकर पूजा करती हैं। व्रत के बाद तारों को अर्घ्य देने के बाद पारण किया जाता है। यह व्रत संतान की सुख-समृद्धि और लंबी उम्र के लिए किया जाता है।
अमित मौदगिल, ज्योतिष विद्या केन्द्र, कुरूक्षेत्र।

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