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शिब्ली कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का आयोजन

आज दिनांक 11 नवंबर 2025 को स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर शिक्षक शिक्षा एवं शिक्षा शास्त्र विभाग के तत्वाधान में शिब्ली नेशनल कॉलेज, आजमगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में आजमगढ़ जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव पाठक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।

मुख्य अतिथि श्री राजीव पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद का जीवन देश की स्वतंत्रता और शिक्षा दोनों के प्रति समर्पित था। उन्होंने कहा कि “मौलाना आजाद के जीवन का हर सातवाँ दिन आज़ादी की लड़ाई में जेल में बीता।” उन्होंने एक प्रेरणादायक प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि जब मौलाना आजाद की पत्नी की तबीयत अत्यंत खराब थी, तब जेल प्रशासन ने उन्हें माफी माँगने पर रिहा करने का प्रस्ताव दिया, किंतु उन्होंने अंग्रेज़ों के सामने क्षमापत्र देने से इंकार कर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अफ़सर अली ने अपने वक्तव्य में कहा कि मौलाना आजाद का जीवन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से आग्रह किया कि वे मौलाना आजाद की जीवनी से संबंधित कम से कम एक पुस्तक अवश्य पढ़ें और उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाएँ। उन्होंने छात्राओं से विशेष रूप से मन लगाकर अध्ययन करने की अपील की ताकि वे जीवन की कठिनाइयों का सामना साहसपूर्वक कर सकें।

शिक्षा शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जरार अहमद ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद एक बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे — वे महान इस्लामी विद्वान, बेबाक पत्रकार, कुरान के अनुवादक, प्रखर वक्ता और हिंदू-मुस्लिम एकता के सशक्त समर्थक थे। उनके अनुसार, “शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन नहीं, बल्कि ऐसा व्यक्तित्व निर्माण है जिसमें साहस, करुणा, प्रेम और सौहार्द हो।”

बी.एड. विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अफज़ाल अहमद ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मौलाना आजाद भारत की शिक्षा नीति के आधार स्तंभ हैं। उन्होंने भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा की मज़बूत नींव रखी। यूजीसी, आईआईटी, एआईसीटीई जैसी संस्थाओं की स्थापना कर उन्होंने भारत की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोहम्मद उज़ैर ने किया। इस अवसर पर शिक्षा एवं शिक्षक शिक्षा विभाग के छात्र-छात्राओं ने मौलाना आजाद के जीवन और योगदान पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम में प्रोफेसर आसिफ कमाल, डॉ. अखिलेश कुमार त्रिपाठी, मिस शगुफ्ता खानम, डॉ. शाहीन बानो, डॉ. सीमा सादिक, डॉ. संदीप कुमार यादव, शोएब अज़ीज़, डॉ. मोहम्मद आलम, डॉ. जफर आलम, डॉ. आसिम एवं डॉ. नबी हसन सहित अनेक प्राध्यापक उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई।

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