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विधायी संस्थाओं में बढ़ेगी युवा और महिलाओं की भागीदारी : कल्याण

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

प्रबोधन कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित विस अध्यक्ष ने बनाई प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत योजना।
शोध और एआई आधारित तकनीकों को देंगे प्रोत्साहित।

चंडीगढ़, 17 फरवरी :
विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने भविष्य में प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत योजना बना ली है। कल्याण विधायी संस्थाओं में युवा और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी खाका खींच रहे हैं। उन्होंने विधान सभा सचिवालय में शोध और एआई आधारित तकनीकों को प्रोत्साहित करने का भी निश्चय किया है। विधान सभा अध्यक्ष ने यह जानकारी सोमवार को सेक्टर 3 स्थित हरियाणा निवास में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 14 और 15 फरवरी को आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम का विधायी कामकाज की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विधायकों ने पूरी लग्न से इस कार्यक्रम में भाग लिया है। प्रबोधन कार्यक्रम में जितने भी विषय लिए गए उन सबके प्रति सदस्यों ने गहरी रूचि दिखाई है। आदर्श विधायक बनने के गुर बताते हुए सदस्यों के लिए करणीय और अकरणीय कार्यों का विस्तार से उल्लेख हुआ है। विधानमंडलों में प्रश्नों और अन्य उपकरणों के माध्यम से कार्यपालिका को जवाबदेही बनाने की सभी विधियों की यहां चर्चा हुई है। संसदीय लोकतंत्र की आत्मा मानी जाने वाली विधान सभा की समितियों की कार्यप्रणाली का गहन अध्ययन इस दौरान हुआ है। विधायी और वित्तीय कामकाज के तौर तरीकों पर अलग से सत्र रहा है। इसी प्रकार ‘विधायी प्रक्रियाओं में मंत्रियों की भूमिका’ विषय ने विधायकों के दृष्टिकोण को विस्तार दिया है। राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन पर आयोजित सत्र में विधायकों को नई तकनीक सीखने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसी प्रकार संसदीय विशेषाधिकार पर विशेष सत्र रहा और अनेक वरिष्ठ नेताओं ने अपने विधायी अनुभव साझा किए हैं।
हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक विधायिका का सपना देखा है। हरियाणा ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। पूरे देश में डिजीटल प्लेटफार्म विकसित किया जा रहा है, जिससे सभी संसद के साथ-साथ सभी राज्यों के विधानमंडल एक दूसरे की जानकारी परस्पर साझा कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि विधायी संस्थाओं को युवाओं और महिलाओं की भागीदारी मजबूत करने के लिए अभिनव प्रयोग किए जाएंगे। स्थानीय शहरी निकाय, पंचायती राज संस्थाओं एवं सहकारिता सम्मलनों के माध्यम से संवैधानिक मूल्यों को सशक्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विधायकों और विधान सभा सचिवालय के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भविष्य में जारी रखे जाएंगे। इसके लिए लोक सभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) और पंचकूला स्थित हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) की मदद ली जाएगी। विधायिका और समितियों को प्रभावी बनाने की भी योजना बनाई जा रही है। शोध व पुस्तकालय के लिए विशेष विंग गठित करेंगे, जो सदस्यों को समय-समय पर आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवा सके। सदन में बाधा रहित चर्चा हो और कार्यवाही सुचारू रूप से चलें, इसके लिए विधायकों के कामकाज की गुणवत्ता व नियमों की जानकारी बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने विधायकों से आह्वान किया कि वे जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए नियम, प्रक्रियाओं व संसदीय प्रथाओं का अध्ययन करें तथा विधायी कामकाज की बारीकियां समझें। उन्होंने कहा कि कमेटी की बैठकों और सदन की चर्चा में भाग लेने से पूर्व पूरी तैयारी करें। उससे संबंधित कानून आदि की पूरी जानकारी होगी तभी उनका बात का प्रभाव पड़ेगा।
चंडीगढ़ के सेक्टर-3 स्थित हरियाणा निवास में सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण।

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