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उत्तराखंड देहरादून महिला बच्चों और सीनियर सिटीजन की सुरक्षा पर विशेष ज़ोर

उत्तराखंड देहरादून
महिला बच्चों और सीनियर सिटीजन की सुरक्षा पर विशेष ज़ोर,
सागर मलिक

अपराध एवं कानून व्यवस्था को लेकर आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में एडीजी L/O ने मातहतों को दिए कई अहम दिशा-निर्देश

देहरादून। अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था डॉ. वी. मुरुगेशन ने आज गढ़वाल एवं कुमाऊं रेंज सहित एसटीएफ एवं समस्त जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक उच्चस्तरीय अपराध एवं कानून व्यवस्था समीक्षा बैठक आयोजित की।

बैठक में पुलिस की कार्यप्रणाली में आधुनिक तकनीक के प्रभावी उपयोग, साइबर अपराध सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों पर त्वरित नियंत्रण और आम जन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में एसटीएफ, समस्त जनपदों के एसओजी, डीसीआरबी, सीसीटीएनएस, एएचटीयू, सीनियर सिटिजन, पोर्टल प्रभारी सहित सभी अपर पुलिस अधीक्षक एवं क्षेत्राधिकारी भी उपस्थित रहे।

समीक्षा बैठक वर्तमान में चल रहे महिला अज्ञात शवों की शिनाख्त सम्बन्धी अभियान में की गयी कार्यवाही की विस्तृत समीक्षा करते हुए शेष अज्ञात शवों की शीघ्र शिनाख्त कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही महिला एवं बच्चों की सुरक्षा के अन्तर्गत मिसिंग प्रकरणों के सम्बन्ध में समीक्षा करते हुये सभी जनपदीय प्रभारियों को इस सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय से जारी एसओपी का पालन करने के निर्देश दिये गये। महिला एवं बच्चों की गुमशुदगी में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग एंगल को ध्यान में रखते हुए विस्तृत जांच करने हेतु निर्देशित किया गया।

बैठक में सीनियर सिटिजन तथा एकांकी जीवन व्यतीत कर रहे नागरिकों से लगातार सम्पर्क करने तथा उनके साथ होने वाले अपराधों में त्वरित कार्यवाही करते हुये उनको पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिये गये। साथ ही कहा गया कि महिला सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियों एवं जन जागरुकता अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।

एडीजी डॉ. मुरुगेशन ने साइबर धोखाधड़ी और अपराध से सम्बन्धित शिकायतों में आवश्यक रूप से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने एवं व्यापक जन जागरुकता अभियान संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने नये आपराधिक कानूनों के अन्तर्गत ई-एफआईआर, जीरो-एफआईआर आदि जन सुविधाओं का ध्यान रखते हुये इनमें नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

एडीजी डॉ. मुरुगेशन ने कहा कि विभिन्न केन्द्रीय पोर्टलस की सहायता लेकर अपराधों का अनावरण करने के साथ-साथ फिंगर प्रिन्ट सहित अन्य वैज्ञानिक साक्ष्यों का भी प्रयोग करें। सभी गंभीर तथा 7 वर्ष व उससे अधिक सजा वाले अपराधों में साक्ष्य संकलन हेतु FSL/ फील्ड यूनिट को अनिवार्य रूप से घटनास्थल पर भेजा जाए। ई-साक्ष्य एप्प के अन्तर्गत कार्यवाही करने और घटना का त्वरित एवं पारदर्शी अनावरण सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि अभ्यस्त अपराधियों की अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति की जब्ती की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही आपराधिक घटनाओं के शीघ्र अनावरण तथा चोरी व लूटी गयी सम्पत्ति की शत-प्रतिशत बरामदगी हेतु भी निर्देशित किया गया।

समीक्षा गोष्ठी में करन सिंह नगन्याल, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना, सुनील कुमार मीणा, पुलिस महानिरीक्षक, सीसीटीएनएस, योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक, कार्मिक, धीरेन्द्र सिंह गुन्ज्याल पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

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