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मोक्ष प्राप्ति का सर्वोत्तम मार्ग है श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण : डॉ. अनुराग कृष्ण पाठक महाराज

सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक दूरभाष – 9416191877
ब्यूरो चीफ – डॉ. गोपाल चतुर्वेदी।

वृन्दावन, 23 दिसंबर : अटल्ला चुंगी स्थित श्री वृन्दावन बालाजी देवस्थान में अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है। महोत्सव का शुभारंभ दुर्गा कुंड परिवार द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीमद्भागवत ग्रंथ एवं व्यासपीठ का पूजन- अर्चन करके किया। इससे पूर्व मथुरा रोड़ से कथा स्थल तक गाजे- बाजे के मध्य श्रीमद्भागवतजी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।जिसमें देश-विदेश के अनेकों भक्त-श्रद्धालु श्रीराधा-कृष्ण की महिमा से ओतप्रोत भजनों पर नाचते-झूमते हुए साथ चल रहे थे।
व्यासपीठ से प्रख्यात धर्मगुरु डॉ. अनुराग कृष्ण पाठक महाराज ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण के महात्म्य की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का शब्द स्वरूप ग्रंथ श्रीमद्भागवत महापुराण साक्षात कल्पवृक्ष के समान है।इसका आश्रय लेने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।साथ ही उनके सभी पापों का क्षय हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत में समस्त धर्म ग्रंथों का समावेश है।क्योंकि महर्षि वेदव्यासजी महाराज ने सभी ग्रंथों की रचना करने के बाद श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना की थी।इसीलिए इसे पंचम वेद माना गया है। वस्तुत: मनुष्य की मोक्ष प्राप्ति का यदि कोई सर्वोत्तम मार्ग है, तो वो श्रीमद्भागवत महापुराण है। इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी पण्डित राधाकृष्ण पाठक, प्रख्यात साहित्यकार “यूपी रत्न” डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पूर्व प्राचार्य डॉ. रामसुदर्शन मिश्र, आचार्य मनीश शुक्ला, डॉ. राधाकांत शर्मा, कार्यक्रम के मुख्य यजमान अशोक कुमार अग्रवाल श्रीमती ऊषा अग्रवाल, शिल्पी अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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