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बुराई को छोड़ना ही होली पर्व का उद्देश्य है : राज योगिनी ब्रह्माकुमारी सरोज बहन

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कुरुक्षेत्र : होली महोत्सव के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र सेवा केंद्र पर स्नेह मिलन समारोह के रूप में अलौकिक होली फूलों के साथ मनाई गई। सभी भाई बहनों ने एक दूसरे पर फूल बरसा कर होली खेलते हुए एक दूसरे को बधाइयां दी। जिससे वातावरण में आनंद और उल्लास का माहौल बना और इस कार्यक्रम में शामिल होने आए सभी भाई बहनों ने होली का आध्यात्मिक रहस्य जाना। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभु प्रेम के गीत के साथ हुआ। केंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरोज बहन जी ने सभी बहन भाइयों को होली की शुभकामनाएं देते हुए होली का आध्यात्मिक रहस्य बताया और कहा कि आज माया का रंग तो हर एक मनुष्य पर चढ़ा हुआ है, अब ईश्वरीय संग के रंग में आत्मा को रंगना ही आध्यात्मिक होली है। हमें मन, वचन, कर्म से पवित्र बनना है, आपसी भेदभाव,मनमुटाव और आसुरी वृत्ति को छोड़ शुभकामना, शुभ भावना की दृष्टि रखेंगे तो समानता का रंग चढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी छोटे बड़े के भान को भूलकर आपस में एक दूसरे को समान समझ मस्ती में खेलते हैं और दुश्मनी के संस्कार भूल जाते हैं। उन्होंने होली शब्द के तीन अर्थ बताते हुए स्पष्ट किया कि होली-पवित्र बनना, होली बीती बातें हो ली, होली – मैं आत्मा परमात्मा की हो ली । इस पावन पर पर संदेश दिया कि अपनी अशुद्धि ,कमजोरी और बुराई को भस्म करो तभी अतीन्द्रिय सुख का अनुभव होगा। बुराई को छोड़ना ही होली पर्व मनाने का उद्देश्य है।
बी.के लता बहन ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिवरात्रि के बाद होलिका दहन और रंगों का उत्सव मनाया जाता है। यह हमें अपनी कमजोरियां और बुराइयों को परमात्मा याद रूपी अग्नि में जलाने की प्रेरणा देता है। खुशी ,प्रेम सुख, शांति के रंगों से होली मनाना ही सच्ची होली है। बी. के गीता बहन और बी .के रघुवीर भाई ने गीत के माध्यम से होली के दिन दिल कैसे खिल जाते हैं- अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।
कार्यक्रम को मनोरंजक बनाने के लिए” क्विज प्रतियोगिता” आयोजित की गई- जिसमें ब्रह्माकुमारी संस्था की दादियों के लौकिक और अलौकिक नाम, प्रोजेक्टर पर चित्र दिखाकर नाम पूछना, गीतों की धुन पहचानना आदि विषयों से संबंधित प्रश्न पूछ कर सभी को उमंग उत्साहित किया। नन्ही नन्ही बालिकाओं द्वारा समूह नृत्य किया गया, जिससे संपूर्ण वातावरण होलीमय हो गया। कार्यक्रम के समापन पर होली पर मनाने आए हुए सभी बहन भाइयों को बी के बहनों द्वारा तिलक लगाकर, फूल डालकर और ईश्वरीय प्रसाद देकर आत्मिक स्वरूप की याद दिलाई।

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