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विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने किया पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों का स्वागतकहा- जितने बड़े सपने देखोगे, उतनी ऊंची होगी उड़ान

विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने किया पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों का स्वागत
कहा- जितने बड़े सपने देखोगे, उतनी ऊंची होगी उड़ान।

राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2025 में शामिल युवाओं ने देखा विधान भवन।

चंडीगढ़, प्रमोद कौशिक 29 जनवरी : हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने बुधवार को विधान सभा परिसर में राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2025 में शामिल विद्यार्थियों के जत्थे का स्वागत किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित इस यात्रा में पूर्वोत्तर के छात्र- छात्राएं शामिल हैं। यात्रा का उद्देश्य विद्यार्थियों के माध्यम से पूर्वोत्तर राज्यों का दूसरे राज्यों के साथ सांस्कृतिक मूल्यों का आदान-प्रदान करना है। यात्रा में मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम के 31 विद्यार्थी शामिल हैं।
हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने यात्रा में शामिल विद्यार्थियों से बातचीत की तथा भविष्य के बारे में उनकी योजना के बारे में जानकारी ली। कल्याण ने कहा कि युवा हमारे देश का भविष्य है, इसलिए उनका स्वयं का भविष्य उज्ज्वल होना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें अपने कैरियर के साथ-साथ देश के लिए कुछ विशेष करने के बारे में भी योजना बनानी चाहिए। विद्यार्थी जितना बड़ा सपना देखेंगे, उनकी उड़ान उतनी ही ऊंची होगी।
इस दौरान एबीवीपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गौरव अत्री ने बताया कि विविधता में एकता के मूल मंत्र को लेकर 1966 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने देश के दूरदराज सीमावर्ती क्षेत्रों के बीच भावनात्मक एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अन्तर राज्य छात्र जीवन दर्शन के नाम से इस अभिनव प्रकल्प की शुरुआत की थी। एसईआईएल के नाम से देश भर में परिचित यह प्रकल्प अत्यन्त सरल किन्तु अत्यधिक प्रभावी है। इसका उद्देश्य सुदूर क्षेत्रों में परस्पर संवाद से अंतर को मिटाना है। जीवन की विविधताओं में निहित जीवन शैलियों की एकता, विशेषरूप से सीमावर्ती प्रदेश के लोगों और देश के अन्य भू-प्रदेश में रहने वाले लोगों की भावनात्मक और सांस्कृतिक एकता को निरूपित करना है। दूरस्थ इलाकों एवं वहां रहने वाले लोगों में एक अपूर्व जागरूकता और अपनेपन की भावना भी इस यात्रा के माध्यम से जग रही है।
इससे सांस्कृतिक सौहार्द की भावना मजबूत हो रही है तथा इन क्षेत्रों के युवाओं को विभिन्न स्तर पर नई जानकारी प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। इससे वे अपने देश की विविधता में एकता को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव कर रहे हैं।

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