आपदाओं से हो रहे जान माल के नुकसान का जिम्मेदार कौन

उत्तराखंड देहरादून
आपदाओं से हो रहे जान माल के नुकसान का जिम्मेदार कौन,
सागर मलिक
जन संघर्ष मोर्चा ने उठाए गंभीर सवाल
विकासनगर। उत्तरकाशी में आई भयावह आपदा की पृष्ठभूमि में जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने एक पत्रकार वार्ता के माध्यम से सरकार की आपदा प्रबंधन नीति पर गंभीर सवाल खड़े किए।
नेगी ने कहा कि लगातार घटित हो रही प्राकृतिक आपदाएं इस बात का संकेत हैं कि सरकार ने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के जरूरी कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि नदी, नालों और खालों के किनारे बने सरकारी, व्यावसायिक और रिहायशी भवनों को बचाने के लिए सरकार को अविलंब मजबूत तटबंधों का निर्माण कराना चाहिए ताकि भविष्य में जान-माल की क्षति को न्यूनतम किया जा सके।
नेगी ने सवाल उठाया – “नदी-नालों के किनारे बस चुके लोगों को अनुमति किसने दी? क्या जिम्मेदारी सिर्फ जनता की है?”
उन्होंने सरकार से मांग की कि भविष्य में होने वाले नए निर्माणों पर सख्ती से रोक लगाई जाए और जो सरकारी संस्थान – जैसे स्कूल, जेल, थाना, मानसिक अस्पताल, आर्मी कॉलोनी आदि – पहले से जलस्रोतों के पास स्थित हैं, उनकी सुरक्षा हेतु पक्के तटबंध बनाए जाएं।
मोर्चा ने सरकारी विभागों के कार्यालयों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि सरकार को इनके लिए भी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
पत्रकार वार्ता में रघुनाथ सिंह नेगी ने उत्तरकाशी आपदा पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को ऐसी त्रासदियों से सबक लेकर ठोस नीतियां बनानी होंगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
इस मौके पर हाजी असद और प्रवीण शर्मा पिन्नी भी उपस्थित रहे।