वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र, 16 मार्च : आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इनोवेटिव टेक्नोलॉजिकल एप्लीकेशन रीशेपिंग मॉडर्न बिजनेस (आईटी-आईटीएआरएमबी) के दूसरे दिन का आयोजन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (यूएसएम) द्वारा सफलतापूर्वक किया गया ।
कार्यक्रम की शुरुआत डिजिटल युग में विपणन विषय पर तकनीकी सत्र से हुई, जिसमें प्रो. महाबीर नरवाल, अध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय ने अध्यक्षता और डॉ. राजन शर्मा, सहायक प्रोफेसर, उप निदेशक, प्रबंधन अध्ययन संस्थान, सह-अध्यक्षता की। इसके साथ ही वित्तीय प्रौद्योगिकियों के माध्यम से वित्त को फिर से परिभाषित करना विषय पर केंद्रित एक अन्य तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, जहां कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रो. सुभाष चंद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, एवं इसकी सह- अध्यक्षता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संस्थान के सहायक प्रोफेसर डॉ. जय किशन चंदेल ने की।
समापन सत्र यूएसएम की अध्यक्ष प्रोफेसर निर्मला चौधरी के संबोधन के साथ शुरू हुआ। इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के इस सत्र के मुख्य अतिथि, विनोद कुमार दत्त, प्रबंध निदेशक, चाणक्य डेयरी प्रोडक्ट्स लिमिटेड, खन्ना (पंजाब) थे जिन्होंने छवि पहचान, आवाज से पहचान, और भावनात्मक पहचान से लेकर, ड्राइवर रहितकारों, उड़ने वाली टैक्सियों, हाइपरलूप और डिलीवरी बॉट जैसी नवीन डिजिटल प्रौद्योगिकियों का हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बनने के बारे में उल्लेख किया।
इसके बाद, इंटरगिज़ कंसल्टिंग ग्रुप, गुरुग्राम के प्रबंध निदेशक श्री स्मार्टी पाल सिंह (पूर्व छात्र), ने उपस्थित लोगों के साथ बातचीत की और अपने मंत्रमुग्ध संबोधन से पूरे सत्र को जीवंत बना दिया। सम्मानित अतिथि प्रो. नीलम ढांडा, डीन, वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने व्यापार क्षेत्र के लिये इन उभरती प्रौद्योगिकियों के भविष्य में विस्तार से बात की। दो दिवसीय इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 176 प्रतिनिधियों ने अपने पेपर प्रस्तुत किये। इसके बाद प्रत्येक ट्रैक के लिए सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार की भी घोषणा की गई है।
अंत में सम्मान समारोह हुआ और प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर यूएसएम की अध्यक्ष प्रोफेसर निर्मला चौधरी,डॉ. राजन शर्मा, यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के सभी संकाय सदस्य, सेवानिवृत्त प्रोफेसर और पूरी आयोजन टीम मौजूद रहे।