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ब्रह्मासरोवर में स्नान करने से मिलेगा महाकुंभ का पुण्य : स्वामी हरिओम

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

महाराज द्वारा कुरुक्षेत्र में 18 से 27 मार्च तक होगा 1008 कुण्डीय शिव शक्ति जन कल्याण महायज्ञ।
ब्रह्मसरोवर के पवित्र जल में मिलाया देशभर के तीर्थों और पवित्र नदियों का जल।

कुरुक्षेत्र,27 फरवरी : महाभारत की पवित्र भूमि कुरुक्षेत्र स्थित एशिया के सबसे बड़े तालाब ब्रह्मसरोवर में त्रिवेणी संगम प्रयागराज महाकुंभ, हरिद्वार गंगाजल, मणिकुट पर्वत से महादेव जल, वृंदावन से यमुना जल, अयोध्या से सरयू का जल, गंगोत्री से गंगा, यमुनोत्री से यमुना, गंगासागर जल और चित्रकूट से मंदाकिनी और भरतकूप का जल परमपूज्य प्रात: स्मरणीय जगद्गुरु त्रिपुरापीठाधीश्वर चक्रवर्ती यज्ञ सम्राट श्री श्री 1008 श्री हरिओम महाराज और महामंडलेश्वर डॉ. शाश्वतानंद नंद महाराज द्वारा भारतवर्ष और कई राज्यों के तीर्थों के कई संतों, महंतो व गणमान्य लोगों की मौजूगदी में ब्रह्मसरोवर के जल में मिलाया गया। इस मौके पर स्वामी हरिओम जी महाराज ने बताया कि इस जल को ब्रह्म सरोवर के जल में मिलाने के पीछे का उद्देश्य है कि जो लोग महाकुंभ में स्नान नहीं कर सके वे लोग ब्रह्म सरोवर में स्नान कर सकते हैं यहां स्नान करने से भी महाकुंभ में स्नान का पुण्य पूर्ण फल प्राप्त होगा। आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण समेत अन्य अवसरों पर देश विदेशों से लोग ब्रह्मसरोवर में स्नान के लिए आते हैं, कुरूक्षेत यज्ञ, पुण्य और मोक्ष देने वाली गीता के ज्ञान की भूमि है इसलिए महाकुंभ के अवसर पर लोग यहां स्नान करें जिसके चलते अन्य तीर्थों का जल यहां मिलाया गया है। स्वामी हरिओम महाराज का कहना कि गीता में ही यज्ञ की महिमा बताई गई है, गीता में कर्म यज्ञ बताया गया है, इस भूमि में यज्ञ और ब्रह्मसरोवर में स्नान का पुराणों और वेदों व ग्रंथों में विशेष महत्व है। आपको बता दें कि स्वामी हरिओम महाराज कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में 18मार्च से 27मार्च तक 1008 कुण्डीय जनकल्याण शिव शक्ति महायज्ञ करेंगे। उन्होंने बताया कि वातावरण और पर्यावरण को सुरक्षित करने व कुरुक्षेत्र को पर्यटक स्थल न बनाकर धाम बनाने का संकल्प है। यज्ञ सम्राट श्री हरिओम महाराज देशभर के 24 राज्यों में अब तक 101 महायज्ञ कर चुके हैं, इनका संकल्प है कि भारतवर्ष 108 महायज्ञ करने का है। कुरुक्षेत्र में आयोजित महायज्ञ 102 वाँ महायज्ञ होगा जिसको लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। इस महायज्ञ में संपूर्ण भारतवर्ष से संत महात्मा,ऋषि, महंत, ब्राह्मण, सनातनी भक्तजन शामिल होंगे। इस महायज्ञ से पूरे विश्व में सनातन और शांति का संदेश जाएगा।
महामंडलेश्वर डॉ. शाश्वतानंद महाराज और स्वामी हरिओम ने ब्रह्मसरोवर के जल में पहले भारतवर्ष के प्राचीन तीर्थों और नदियों का जल मिलाया उसके बाद महाआरती की। इस दौरान केडीबी मानद सचिव उपेन्द्र सिंगल, रणधीर गुर्जर, कृष्ण पांचाल, महंत राजेन्द्र पूरी,तुषार सैनी,हरीश समेत सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे।
स्वामी हरिओम महाराज और महामंडलेश्वर डॉ. शाश्वतानंद महाराज ब्रह्मसरोवर में अन्य तीर्थों का जल मिलाते हुए।

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