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दुनिया के मार्गदर्शक बनने के लिए पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को बनाना होगा जीवन का आदर्श : नायब सिंह सैनी

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लाडवा में तीन दिवसीय दिव्य गीता सत्संग का किया शुभारंभ।
मुख्यमंत्री ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को किया सम्मानित।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने मुख्यमंत्री को भेंट किया स्मृति चिन्ह। मुख्यमंत्री ने दिव्य गीता सत्संग के लिए 21 लाख रुपए की दी अनुदान राशि।

लाडवा, 15 मार्च : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि दुनिया के मार्गदर्शक बनने के लिए प्रत्येक मनुष्य को पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को अपने जीवन में धारण करना होगा। इन उपदेशों के माध्यम से ही विश्व को एक मंच पर लाया जा सकता है, क्योंकि इन उपदेशों में ही पूरे विश्व की चिंता, भय,आतंकवाद, तनाव सहित तमाम समस्याओं का समाधान निहित है। इतना ही नहीं विश्व की तमाम चुनौतियों का सामना करने के लिए इस दिव्य ग्रंथ से ज्ञान और कर्म करने का संदेश मिलता है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शनिवार को लाडवा हिन्दु हाई स्कूल के प्रांगण में श्री कृष्ण कृपा के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय दिव्य गीता सत्संग के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन कर आरती की और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। यहां पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दिव्य गीता सत्संग के लिए 21 लाख रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से संतों और गुरुओं ने अध्यात्म की सच्ची राह दिखाने का काम किया है। इसी परंपरा को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद आगे बढ़ाने के लिए एक संवाहक का काम कर रहे है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को विश्व के हर कोने-कोने में प्रचार प्रसार कर रहे है। स्वामी ज्ञानानंद के प्रयासों से ही गीता जयंती के छोटे से समारोह को वर्ष 2016 से अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन देश में ही नहीं अपितु मारसिस, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, कनाडा में आयोजित किया गया। इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन में गीता ज्ञान संस्थानम का भी अहम योगदान रहा है। इस संस्थान में गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अच्छे प्रचारक भी तैयार किए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों में 21वीं सदी की सभी समस्याओं का समाधान और मानवता के कल्याण का मार्ग दिखाया गया है। इन अमर संदेशों से पूरे विश्व को एकता और भाईचारे को एक सूत्र में बांधा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विधानसभा सत्र में विपक्ष के सभी लोगों को ध्यान से सुना और उनका जवाब भी दिया, लेकिन जब सरकार द्वारा प्रदेश के विकास के लिए करवाए गए कार्यों को रखा तो विपक्ष के सभी लोग सदन छोडक़र बाहर चले गए। इस प्रदेश का बजट विधानसभा में 17 मार्च को प्रस्तुत किया जाएगा।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने दिव्य गीता सत्संग के पहले दिन पवित्र ग्रंथ गीता प्रारंभ होने की कथा को सबके समक्ष रखा और बताया कि पवित्र ग्रंथ गीता में 700 श्लोक है। इन श्लोकों में चिंता, भाव, आस्था और विश्व की तमाम समस्याओं का समाधान करने का मार्ग दिखाया गया है। कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर ही पवित्र ग्रंथ गीता की रचना हुई। इस पावन धरा पर 5162 वर्ष पूर्व महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने पूरी मानवता को कर्म करने का संदेश दिया। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने पवित्र ग्रंथ गीता के पहले श्लोक की व्याख्या को हजारों श्रद्धालुओं के समक्ष प्रस्तुत किया। इस मौके पर सत्संग के संयोजक धीरज वालिया, मदन गर्ग, प्रदीप सहगल, अंकुश गोयल, अनिल गुप्ता, ओमप्रकाश, केसी खुराना, चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, केडीबी सदस्य विजय नरूला, सतप्रकाश, पूर्व विधायक डा. पवन सैनी, भाजपा जिला अध्यक्ष सुशील राणा, प्रदेश सचिव राहुल राणा, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, भाजपा नेता सुभाष कलसाना, रविन्द्र सांगवान, नपा प्रधान साक्षी खुराना, मंडल अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह, विकास जालखेडी, अमरेन्द्र, भाजपा नेता पवन गर्ग, डा. गणेश दत्त आदि उपस्थित थे।

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