महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरतः प्रो. प्रीति जैन

महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरतः प्रो. प्रीति जैन
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
कुवि में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न पर कार्यशाला।
कुरुक्षेत्र, 27 मई : आज के परिप्रेक्ष्य में हमें महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरत है। महिला सशक्तिकरण के लिए संस्कारों के साथ ही बेहतर शिक्षा और महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच का होना जरूरी है। महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के साथ ही कुछ मामलों में महिलाओं को भी अपने अधिकारों का नाजायज इस्तेमाल करने से परहेज करना होगा। यह विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की विधि संकाय की डीन व विधि विभाग की अध्यक्ष प्रो. प्रीति जैन ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (केयूके) के प्रशिक्षण, योजना और निगरानी प्रकोष्ठ (टीपीएमसी) तथा आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के संयुक्त तत्वावधान में “कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013” विषय पर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के उप-कुलसचिव/सहायक कुलसचिव/ अधीक्षक/ उप-अधीक्षक के लिए फैकल्टी लॉज में आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किए। इससे पहले दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया किया गया।
प्रो. प्रीति जैन ने कहा कि हमें मानसिक स्तर पर जागरूक होना जरूरी है। आज हर क्षेत्र में महिलाएं भागीदारी कर रही हैं। पुरुषों में आदर्श मूल्य, परम्परा की कमी उन्हें महिलाओं के साथ अभद्रता के लिए उकसाती है। सभी को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। आज महिला व पुरुष सभी के बराबर अधिकार है। उन्होंने कार्यस्थल उत्पीड़न की समझ बढ़ाने के लिए वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों का प्रदर्शन करते हुए सूचनात्मक वीडियो क्लिप के माध्यम से प्रतिभागियों को जागरूक किया। उन्होंने यौन उत्पीड़न की परिभाषा, के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में आईसीसी, की अध्यक्ष प्रोफेसर सुनीता सिरोहा जिन्होंने कार्यस्थल उत्पीड़न के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता नीति के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता के बारे में बताया। सत्र का समापन एक ’इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर’ के साथ हुआ, जहाँ प्रतिभागियों ने अधिनियम को लागू करने में व्यावहारिक चुनौतियों और समाधानों पर चर्चा की।
इस अवसर पर प्रो. सुनीता सिरोहा, महिला चीफ वार्डन प्रो. कुसुमलता सहित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के उप-कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, अधीक्षक, उप-अधीक्षक मौजूद थे।