“मोर गांव, मोर पानी महा अभियान“
जल संरक्षण हेतु उन्मुखीकरण एवं प्रशिक्षण कार्यकम आयोजित


उत्तर बस्तर कांकेर 03 जून 2025/ छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार कांकेर जिले में ’मोर गांव, मोर पानी’ महाभयिन जोर-शोर से चलाया जा रहा है। उक्त संबंध में कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। वर्षा ऋतु जल संरक्षण का अभियान जन आंदोलन का रूप लेगा, जिसके लिए जिले की सभी 454 ग्राम पंचायतों में 04 दिवसीय उन्मुखीकरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम 05 जून तक आयोज़ित की जाएगी। जिले के सभी 454 ग्राम पंचायतों के सरपंचों, सचिवों, रोजगार सहायकों, बिहान समूह के सदस्यों और जल संरक्षण से संबंधित विभिन्न विभागों द्वारा जल संरक्षण और जल संचयन की उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पानी बचाने एवं सहजने के लिए हो रहे विशेष प्रयास
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरेश मंडावी द्वारा बताया गया कि इस महा-अभियान की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का प्रभावशाली उपयोग किया जा रहा है। इसमें भौगोलिक सूचना प्रणाली जीआईएस जैसी प्रणालियां प्रमुख हैं। इसका उपयोग कर जल संरक्षण से जुड़े कार्यों की बेहतर योजना और पारदर्शिता सुनश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस पहल में जनभागीदारी के माध्यम से अगले तीन वर्षों के लिए तकनीकी रूप से सुदृढ जल संरक्षण योजनाएँ तैयार करना है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित संकुल संगठनों के आधार पर जिले के प्रत्येक ब्लॉक को 4 क्लस्टरों में विभाजित किया जाएगा। यह क्लस्टर आधारित व्यवस्था प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाने में मदद कर रही है। इन योजनाओं के तहत महत्वपूर्ण कार्य जैसे चेक डेम निर्माण, फार्म पॉन्ड्स (खेत तालाब), कंटूर ट्रेंचिंग, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण और आजीविका वृक्ष, सोक पिट, जल संग्रहण तालाबों का गहरीकरण, नाला उपचार आदि कार्य किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जल संरक्षण से संबंधित कार्य उच्चतम गुणवत्ता के साथ हो।कांकेर जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गत वर्ष के एवं वर्तमान के भू-जल स्तर को दर्ज किया जाएगा, जिसमें गांव के घटते जल स्तर पर ग्रामीणों को सीधे जानकारी मिल सके। जिले के वनांचल क्षेत्र से लेकर मैदानी ग्राम पंचायतों तक बड़ी मात्रा में दीवार लेखन कर पानी के महत्व को बताया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कांकेर जिले में जल संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा, जिसमें न केवल पानी की उपलब्धता बढ़ेगी बल्कि ग्रामीणों की आजीविका और पर्यावरणीय स्थिरिता को भी बल मिलेगा। पानी रोकने के लिए विभिन्न नारों के साथ गांव में शपथ, रैलियां की जा रही है। सभी सार्वजनिक जल स्त्रोंतों के स्थलों पर श्रमदान से स्वच्छता कार्य भी किया जाएगा।