भगत जी इंटरनेशनल स्कूल में वन महोत्सव सप्ताह एवं राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर हुआ कार्यक्रम

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : बहजोई के भगत जी इंटरनेशनल स्कूल में, वन महोत्सव सप्ताह का भव्य आयोजन किया गया। इस वर्ष वन विभाग के सौजन्य से यह आयोजन “एक पेड़ माँ के नाम” थीम के अन्तर्गत सुचारू रूप से चल रहा है।
कार्यक्रम के उद्घाटन पर सम्भल के जिलाधिकारी डॉ राजेन्द्र पैंसिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जिन्होंने पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को प्रकृति से जुड़ने और हर वर्ष कम से कम एक वृक्ष लगाने की अपील की।कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और समाज को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करना है। इस अवसर पर छात्रों, शिक्षकों ने मिलकर पौधे लगाए और उन्हें अपनी माताओं के नाम समर्पित किया, जिससे भावनात्मक जुड़ाव के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश पूरे समाज में प्रसारित हो सके।
विशिष्ठ अतिथि वन क्षेत्राधिकारी प्रीति यादव एवं नगर पालिका परिषद के चैयरमेन श्री राजेश शंकर राजू ने जिलाधिकारी संग विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वन विभाग के संयुक्त प्रभागीय वनाधिकारी प्रभात कुमार ने कार्यक्रम में भाग लेकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता दर्शाई। सभी अतिथियों ने वृक्षारोपण कर छात्रों को प्रकृति से जुड़ने और उसका संरक्षण करने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. नेहा मलय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्टर हमारे जीवन में भगवान के स्वरूप होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण में डॉक्टरों की भूमिका अमूल्य है। डॉ. नेहा ने साथ ही वृक्षारोपण के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि आज जिस तेजी से पर्यावरण पर संकट गहराता जा रहा है, उसमें वृक्षारोपण और संरक्षण ही एकमात्र समाधान है। इस अवसर पर सम्भल जनपद के वरिष्ठ चिकित्सकों में डॉ. आलोक, डॉ. नितिन, डॉ. सजल, डॉ. निधि सक्सेना, डॉ. महेश बाबू, डॉ संजय वार्ष्णेय, डॉ. दिलीप, डॉ. शिखा, डॉ. भरत एवं डॉ. सरताज आदि चिकित्सकों को तुलसी के पौधे भेंटकर व शाल उढाकर सम्मानित किया गया।विद्यालय परिसर में लगाए गए पौधे अब छात्रों की सुरक्षा में रहेंगे, जिन्हें वे नियमित रूप से जल देंगे और उनकी देखरेख करेंगे। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन के सदस्य सर्वेश भगतजी, विमलेश वार्ष्णेय, पारुल वार्ष्णेय, भावना वार्ष्णेय, प्रीति वार्ष्णेय, निधि वार्ष्णेय, डॉ आलोक वार्ष्णेय एवं तनुज वार्ष्णेय ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।