29 वर्ष बाद मकर संक्रांति पर्व का बन रहा दुर्गम संयोग-आचार्य अम्बकेश शुक्ल
✍️प्रशांत, कुमार त्रिवेदी
कन्नौज । जलालाबाद सूर्य के राशि परिवर्तन से उत्पन्न मकर संक्रान्ति का पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जायेगा इस बार मकर संक्रान्ति पर विशेष सयोंग बन रहा है।आचार्य अम्बकेश शुक्ला ने बताया कि इस बार सूर्य शनि देव की युक्ति का दुर्लभ सयोंग है। जो कि 29 वर्ष बाद बन रहा है।आचार्य श्री शुक्ल के अनुसार सूर्य जब धनु से मकर राशि मे प्रवेश करता है तो इसे मकर संक्रान्ति कहते है।यह देवताओं की मध्य रात्रि मानी जाती है।इसमें स्नान एवं दान का विशेष पुण्य माना जाता है।जिसमें गुण का दान विशेष महत्वकारी होता है।इस बार सूर्य मकर राशि मे 14 जनवरी दिन शुक्रवार को रात्रि 8 बजकर 49 मिनट पर प्रवेश करेगा।धर्म सिंधु के अनुसार सूर्यास्त के बाद यदि मकर राशि मे प्रवेश करता है तो ऐसी स्थिति में संक्रान्ति होने का पुण्य काल अगले दिन मान्य होता है। इसी कारण 15 जनवरी दिन शनिवार को यह पर्व मनाया जायेगा। यह 15 जनवरी को प्रातः काल से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। सक्रांति का प्रवेश रात्रि में हो रहा है।इसलिए उत्तम माहौल रहेगा दिन शनिवार होने से यह मकर संक्रान्ति का पर्व लोगो को सुख प्रदान करने वाला है।