अयोध्या
योगी सरकार से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ी
मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
राजनीति-न्याय का अजब संयोग :
कल स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़ी, आज उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट
योगी सरकार से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुल्तानपुर में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने 24 जनवरी तक उन्हें पेश होने का आदेश दिया है।
2014 में दिया था बयान
साल 2014 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक विवादित बयान दिया था। स्वामी प्रसाद ने कहा था, ‘शादियों में गौरी-गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए। यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उनको गुलाम बनाने की साजिश है।इसी मामले में बुधवार को स्वामी प्रसाद मौर्य कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो अपर मुख्य दंडाधिकारी एमपी-एमएलए ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। अब इस मामले में 24 जनवरी को सुनवाई की तारीख तय हुई है।
12 जनवरी को हाजिर होने को कहा था
स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ यह नया गिरफ्तारी वारंट नहीं है। वारंट पहले से जारी था, लेकिन इन्होंने हाईकोर्ट से 2016 से इस पर स्टे ले रखा था। इसी 6 जनवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने मौर्य को 12 जनवरी को हाजिर होने को कहा था, जब वह हाजिर नहीं हुए तो वारंट जारी कर दिया गया।भाजपा से इस्तीफे के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने संवाददाता से एक्सक्लूसिव बातचीत की। कहा, ‘ कमान से निकला हुआ तीर वापस नहीं हो सकता है, इसी तरह से मेरी अब वापसी संभव नहीं है।’ बाकी अंतिम निर्णय मैं 14 जनवरी को लूंगा। उन्होंने कहा कि भाजपा को पश्चिम में उम्मीद के मुताबिक उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। अभी भी मंथन चल रहा है। उम्मीदवारों के चयन के लिए हरियाणा के नेताओं को भेजा गया है। टिकट की दावेदारी में ज्यादातर ब्राह्मण सामने आ रहे हैं। अंतिम निर्णय 14 जनवरी को लूंगा।वो ऐसे लोग हैं जिनका कोई लंबा राजनीतिक कैरियर नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। जल्द ही भाजपा से इस्तीफा वक्त तय करेगा। जो तीर एक बार कमान से निकल जाती है वापस नहीं आती। अपनी बेटी संघमित्रा के इस्तीफे पर बोले कि वो खुद अपना फैसला करेगी। मेरा इस्तीफा वर्तमान सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। अंतिम निर्णय 14 जनवरी को लूंगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि स्वभाविक रूप से मेरा इस्तीफा बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं की नींद हराम कर दिया है और जो कुंभकर्ण की नींद सो रहे थे, अपने आप को तुर्रमखां समझ रहे थे आज वही लोग हर विधायक की आरती उतार रहे हैं। हर मंत्री से सम्पर्क करके मना रहे हैं। कल तक बात नहीं करते थे, आज मान-मनौअल कर रहे हैं। ये मेरे इस्तीफे की ताकत है।